नई दिल्ली. दिल्ली की सीमाओं पर किसान संगठनों का प्रदर्शन जारी है। 40 दिन से ज्यादा समय से जारी किसान संगठनों के प्रदर्शन के बीच आज सुप्रीम कोर्ट में कृषि कानूनों और किसान आंदोलन पर सुनवाई की जा रही है। चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता में 3 जजों की बेंच मामले की सुनवाई कर रही है। इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जिस तरह से प्रक्रिया चल रही है, उससे हम निराश हैं। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में कृषि कानूनों और किसान आंदोलन को लेकर 10 याचिकाएं दायर की गई हैं, जिसमें से कई याचिका कानून के खिलाफ हैं, कुछ याचिकाएं किसान आंदोलन के विरोध में दायर की गई हैं।
'राजनीतिक गतिरोध' को हल करने में सुप्रीम कोर्ट की कोई भूमिका नहीं है: किसान संगठन
रविवार को अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने कहा कि सरकार को सर्वोच्च न्यायालय की भागीदारी के बिना नए कृषि कानूनों पर "राजनीतिक गतिरोध" को हल करना चाहिए। किसान संगठन ने चेतावनी देते हुए कहा अगर उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो प्रदर्शनकारी किसान दिल्ली की सभी सीमाओं को जल्द ही बंद कर देंगे। संगठन ने कहा कि "कॉरपोरेट्स के दबाव में" सरकार द्वारा बनाए गए कानून पर "राजनीतिक गतिरोध को हल करने में सुप्रीम कोर्ट" की कोई भूमिका नहीं है और न ही हो सकती है।AIKSCC ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर संकट को हल करने की "राजनीतिक जिम्मेदारी से भागने" रही है औऱ सुप्रीम कोर्ट को "राजनीतिक ढाल के रूप में" इस्तेमाल कर रही है। बयान में कहा गया कि किसान दिल्ली को चारों ओर से घेरे रहेंगे और जल्द ही सभी सीमाओं को बंद कर दिया जाएगा। वे यहां भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार और संसद को बताने के लिए हैं कि उसने गलत कानून पारित किए हैं।