नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में कड़ाके की ठंड के बीच विकास यादव सिंघू बॉर्डर पर केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ अपने शरीर को तिरंगे से रंगकर प्रदर्शन कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के कन्नौज क्षेत्र के रहने वाले विकास यादव ने अपनी बांह और चेहरे पर नारे लिखे हैं। यादव ने उम्मीद जताई की यह तरीका आंदोलन की तरफ सरकार का ध्यान खींचेगा।
यादव ने कहा, ‘‘कोई भी हमारी बात नहीं सुन रहा है। हम सड़क पर रह रहे हैं लेकिन कोई भी ध्यान नहीं दे रहा है। संभवत: अब वे ध्यान देंगे।’’ वह एक हफ्ते पहले प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे हैं। उन्होंने एक हफ्ते तक ‘‘चुपचाप प्रदर्शन’’ किया और उम्मीद जताई कि चीजें बदल जाएंगी। लेकिन, सरकार के ‘‘कार्रवाई नहीं करने’’ से ‘‘निराश’’ होकर उन्होंने 200 रुपये देकर अपने शरीर पर पेंटिंग कराई।
उनके लिए अपने शरीर पर पेंटिंग कराना ‘‘किसानों की एकता और मजबूती’’ का प्रदर्शन करना है। यादव ने कहा, ‘‘सरकार हमारी उपेक्षा करती रही है। मैं यहां एक हफ्ते पहले आया और कुछ भी नहीं बदला है। उन्हें इस बात की परवाह नहीं कि इस ठंड में किसान सड़कों पर रह रहे हैं। हम मर भी जाएं तो उन्हें परवाह नहीं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह कदम मैंने सरकार को यह जताने के लिए उठाया कि हम किसी चीज से भयभीत नहीं हैं।’’ उन्होंने कहा कि वह प्रतिदिन अपने शरीर पर नये नारे लिखेंगे जब तक कि सरकार किसानों की मांग पूरी नहीं करती। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी लड़ाई की तुलना में ठंड कुछ नहीं है। मैं ऐसा अपने लिए और अपने किसान भाइयों के लिए कर रहा हूं।’’