लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों के आंदोलन के चलते अधिकारियों को सचेत किया है और पूरी सतर्कता बरतने की हिदायत दी है। साथ ही, उन्होंने किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से वार्ता करने की जिम्मेदारी भी अधिकारियों को सौंपी है। शनिवार को एक सरकारी विज्ञप्ति में यह कहा गया है। विज्ञप्ति के मुताबिक पांच कालिदास मार्ग पर स्थित अपने सरकारी आवास पर आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से प्रदेश के सभी जिलों में संवाद किया जाए और उनसे आगामी आठ दिसम्बर, 2020 को प्रस्तावित बंद के सम्बंध में भी वार्ता की जाए।
योगी ने कहा कि ''राज्य सरकार किसानों के हित में कार्य कर रही है और प्रदेश के किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) दिया जा रहा है, साथ ही, उन्हें बीज, खाद व सिंचाई की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जा रही है।'' मुख्यमंत्री ने कहा कि छह से आठ दिसम्बर तक विभिन्न संगठनों द्वारा प्रदेश में आन्दोलन/बन्द प्रस्तावित हैं, इसलिए इसे ध्यान में रखते हुए सभी मण्डलायुक्त, जिलाधिकारी तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक पूरी सतर्कता बरतें।ये तीन दिन विशेष सतर्कता बरती जाए और निरन्तर गश्त की जाए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि धान क्रय केन्दों में किसानों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं आनी चाहिए और उनका भुगतान 72 घण्टे के अन्दर सुनिश्चित किया जाए। देर होने पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। गन्ना किसानों से गन्ने की खरीद समय से सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए गोबर से सीएनजी बनाने की दिशा में कार्य किया जाए और जिन गोआश्रय स्थलों में एक हजार गोवंश हैं, वहां सीएनजी पैदा करने के लिए इण्डियन ऑयल कॉरपोरेशन से बात की जाए।
बैठक में विभिन्न विभागों के कार्यों की समीक्षा कर रहे योगी ने कहा कि उद्योगों के विकास को ध्यान में रखकर कुशल जनशक्ति तैयार की जाए। उन्होंने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह के सम्बन्ध में बैठक करने का निर्देश देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश एक बड़ा राज्य है, इसलिए यहां एक लाख करोड़ रुपए से अधिक का जीएसटी संग्रह हो सकता है। बैठक में शासन के सभी शीर्ष अधिकारी मौजूद थे।