नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों को लेकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों ने शुक्रवार को 4 जनवरी को होने वाली बैठक से पहले बड़ा फैसला लिया है। सिंघु बॉर्डर पर बैठे आंदोलनकारी किसान नेताओं ने कहा कि अगर सरकार चार जनवरी को हमारे पक्ष में फैसला नहीं लेती है तो प्रदर्शनकारी किसान संगठन कड़े कदम उठाएंगे। आंदोलन कर रहे किसान संगठनों ने कहा कि सरकार के साथ अब तक हुई बैठकों में किसानों द्वारा उठाए गए मुद्दों में से केवल पांच प्रतिशत पर चर्चा हुई है।
मॉल, पेट्रोल पंप बंद करेंगे किसान?
किसान संगठनों ने कहा कि सरकार के साथ वार्ता में अगर सही दिशा में प्रगति नहीं हुई तो हरियाणा-राजस्थान सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसान दिल्ली की तरफ कूच करेंगे। किसान नेता युद्धवीर सिंह ने कहा कि किसान संगठनों के बीच चार जनवरी को होने वाली बैठक में ठोस फैसला नहीं हुआ तो हम छह जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे। किसान संगठनों ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि चार जनवरी को सरकार के साथ होने वाली वार्ता में गतिरोध खत्म नहीं हुआ तो हम हरियाणा में सारे मॉल, पेट्रोल पंप को बंद करने की तारीखों की घोषणा करेंगे।
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कृषि क़ानूनों को खारिज करने पर सरकार टस से मस नहीं हुई- योगेंद्र यादव
स्वराज इंडिया के योगेंद्र यादव ने कहा कि किसानों के ये आंदोलन अब निर्णायक दौर में है, 30 तारीख की वार्ता के बारे में मैं इतना ही कहूंगा कि अभी तो पूंछ निकली है, हाथी निकलना अभी बाकी है। MSP को कानूनी अधिकार मिलने और तीनों कृषि क़ानूनों को खारिज करने पर सरकार टस से मस नहीं हुई है। योगेंद्र यादव ने आगे कहा कि 4जनवरी को हमारी वार्ता है, अगर परिणाम संतोषजनक नहीं निकलते हैं तो 6 जनवरी को कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) राजमार्ग पर मार्च किया जाएगा। 6 तारीख से 20 तारीख तक 2 हफ्ते पूरे देश में देश जागृति अभियान चलाया जाएगा।
50 फीसदी मुद्दे हल करने के सरकार के दावे झूठे
योगेंद्र यादव ने ये भी कहा 50 प्रतिशत मुद्दों को हल करने के दावे झूठे हैं। हमारी दो मुख्य मांगें हैं- तीन कृषि बिलों को रद्द किया जाना चाहिए और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी अभी भी बाकी है।
नहीं बनी बात तो ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे किसान
किसान नेता युधवीर सिंह ने कहा कि अगर 6 जनवरी को सरकार, यूनियनों के बीच कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जाता है तो हम ट्रैक्टर मार्च करेंगे। उन्होंने कहा कि किसान यूनियनों की अब तक की बैठकों में किसानों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर केवल पांच प्रतिशत ही चर्चा हुई है। अगर 4 जनवरी तक सरकार हमारे पक्ष में फैसला नहीं लेती है तो किसान संघों को मजबूत कदम उठाने होंगे।
हरियाणा में सभी टोल प्लाजा फ्री रहेंगे
किसान नेता विकास सीसर ने कहा कि हरियाणा में सभी टोल प्लाजा फ्री रहेंगे। निजी को छोड़कर सभी पेट्रोल पंप और मॉल बंद रहेंगे। भाजपा और जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के नेताओं को तब तक राज्य में विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ेगा जब तक इनका गठबंधन टूट नहीं जाता है।
37 दिन से डटे हैं किसान
बता दें कि, किसान संगठनों और सरकार के बीच अगले दौर की बैठकर 4 जनवरी को होनी है। बैठक से पहले किसान नेताओं के इस तरह के बयान का सरकार पर कितना असर पड़ेगा ये देखने वाला होगा। इधर केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों का आंदोलन आज नए साल पर भी जारी रहा, आज प्रदर्शन का 37वां दिन है। किसान पहले ही कह चुके हैं कि जब तक मुद्दा नहीं सुलझेगा वे नए साल का जश्न नहीं मनाएंगे।
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