Friday, December 20, 2024
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अन्नदाता दिल्ली की सीमाओं पर काले कानून खत्म करने की गुहार लगा रहे हैं: कांग्रेस

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने शनिवार को कहा कि कांग्रेस ने फैसला किया है कि किसानों के समर्थन में 15 जनवरी को हर प्रांतीय हेडक्वार्टर पर कांग्रेस पार्टी किसान अधिकार दिवस के रूप में एक जनआंदोलन तैयार करेगी, धरना प्रदर्शन और रैली के बाद राजभवन तक मार्च करेंगे।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : January 09, 2021 16:34 IST
अन्नदाता दिल्ली की...
Image Source : PTI अन्नदाता दिल्ली की सीमाओं पर काले कानून खत्म करने की गुहार लगा रहे हैं: कांग्रेस (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने शनिवार को कहा कि कांग्रेस ने फैसला किया है कि किसानों के समर्थन में 15 जनवरी को हर प्रांतीय हेडक्वार्टर पर कांग्रेस पार्टी किसान अधिकार दिवस के रूप में एक जनआंदोलन तैयार करेगी, धरना प्रदर्शन और रैली के बाद राजभवन तक मार्च करेंगे। रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि लाखों अन्नदाता 40 दिन से अधिक से दिल्ली की सीमाओं पर काले कानून खत्म करने की गुहार लगा रहे हैं, हाड़ कंपाती सर्दी, बारिश, ओलों में 60 से अधिक अन्नदाता ने दम तोड़ दिया। PM के मुंह से देश पर कुर्बान होने वाले उन किसानों के लिए सात्वंना का एक शब्द भी नहीं निकला। 

अन्नदाता दिल्ली की सीमाओं पर काले कानून खत्म करने की गुहार लगा रहे हैं: कांग्रेस

Image Source : @RSSURJEWALA
अन्नदाता दिल्ली की सीमाओं पर काले कानून खत्म करने की गुहार लगा रहे हैं: कांग्रेस

किसानों को ‘तारीख पे तारीख’ देना सरकार की रणनीति: राहुल गांधी

इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने किसान संगठनों और सरकार के बीच आठवे दौर की बातचीत के भी बेनतीजा रहने के बाद शुक्रवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुएर आरोप लगाया था कि ‘तारीख पे तारीख देना’ उसकी रणनीति है। उन्होने ट्वीट कर कहा था, ‘‘नीयत साफ़ नहीं है जिनकी, तारीख़ पे तारीख़ देना स्ट्रैटेजी है उनकी!’’ गौरतलब है कि सरकार और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच तीन कृषि कानूनों को लेकर शुक्रवार को आठवें दौर की वार्ता बेनतीजा रही। 

तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की अपनी मांग पर अड़े किसान नेताओं ने शुक्रवार को सरकार से दो टूक कहा था कि उनकी ‘‘घर वापसी’’ तभी होगी जब वह इन कानूनों को वापस लेगी। सरकार ने कानूनों को पूरी तरह से निरस्त करने की मांग खारिज करते हुए इसके विवादास्पद बिन्दुओं तक चर्चा सीमित रखने पर जोर दिया। 

किसान संगठनों की मांग है कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाए और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी दी जाए। अपनी मांगों को लेकर हजारों किसान दिल्ली के निकट पिछले करीब 40 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार का कहना है कि ये कानून कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के कदम हैं और इनसे खेती से बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी तथा किसान अपनी उपज देश में कहीं भी बेच सकते हैं। 

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