भारतीय रेल को देश की लाइफ लाइन कहा जाता है। लाखों लोग रोजाना ट्रेन में बैठकर एक स्थान से दूसरे स्थान की यात्रा करते हैं। सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए सरकार द्वारा लगातार रेलवे में सुधार किया जा रहा है। रेलवे ने अपनी कई सेवाओं को निजी कंपनियों के साथ जोड़ा है। लेकिन सार्वजनिक हित में काम करने वाली इस सबसे बड़े संगठन के परिचालन को सरकार ने अपने हाथ में ही रखा है।
लेकिन पिछले दिनों फेसबुक और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक रेल इंजन का वीडियो प्रकाशित किया जा रहा है। जिसमें रेल के इंजन पर एक निजी कंपनी का नाम लिखा गया है। इस वीडियो को लेकर फेसबुक पर यह दावा किया जा रहा है कि सरकार ने भारतीय रेल पर एक निजी कंपनी का ठप्पा लगवा दिया है। दर असल कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने इस वीडियो को शेयर करते हुए सरकार पर निजी कंपनियों को रेलवे सौंप देने का आरोप लगाया है।
क्या है वीडियो की सच्चाई
सोशल मीडिया पर चल रही इस प्रकार की खबरों के लिए केंद्र सरकार के पत्र सूचना कार्यालय यानि पीआईबी द्वारा एक खास फैक्ट चैक शुरू किया गया है। इसमें मीडिया में चल रही खबरों की सच्चाई पता की जाती है। यह खबर भी पीआईबी की फैक्ट चैक टीम के पास आई। पीआईबी की फैक्ट चेक टीम ने अपनी जांच में पाया कि यह दावा भ्रामक है। यह केवल एक वाणिज्यिक विज्ञापन है। रेलवे पहले भी अपने डिब्बों पर इस प्रकार के विज्ञापन लगाती रही है। इन विज्ञापनों का उद्देश्य केवल 'गैर किराया राजस्व' को बेहतर बनाना है।
क्या था प्रियंका गांधी का फेसबुक पोस्ट
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने 14 दिसंबर को एक फेसबुक पोस्ट में इस रेल इंजन का वीडियो पोस्ट किया था। इस वीडियो में लिखा था कि जिस भारतीय रेलवे को देश के करोड़ों लोगों ने अपनी मेहनत से बनाया, भाजपा सरकार ने उस पर अपने अरबपति मित्र अडानी का ठप्पा लगा दिया।
कल धीरे धीरे रेलवे का एक बड़ा हिस्सा मोदी जी के अरबपति मित्रों को चला जाएगा। देश के किसान खेती किसानों को भी आज मोदी जीे के अरबपति मित्रों के हाथ में जाने से रोकने की लड़ाई लड़ रहे हैं।