नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर यह दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने स्कूली किताबों पर टैक्स लगा दिया है। जब इस खबर की पीआईबी फैक्ट चेक द्वारा जांच की गई तो यह दावा फर्जी पाया गया है। सरकार द्वारा स्कूली टेक्स्ट बुक्स पर कोई टैक्स नहीं है। इसके अलावा कोरोना वायरस महामारी के कारण बंद स्कूल 21 सितंबर से कई राज्यों में खुल गए है। अभी सिर्फ 9वीं से 12वीं कक्षा तक के छात्रों को स्कूल जाने की अनुमति दी गई है।
सोमवार से इन राज्यों में खुले स्कूल
कोरोना संकट के बीच देश के कई राज्यों ने खास इंतजामों के साथ स्कूलों को दोबारा खोलने की अनुमति दे दी थी। हरियाणा सरकार ने केंद्र की गाइडलाइंस के अनुसार 21 सितंबर से स्कूल खोलने को अनुमति दे दी है। असम में भी सोमवार से स्कूल खुल रहे हैं। यहां डीटेल्स एसओपी जारी किए गए हैं। यहां कक्षा 9 और 10 के लिए अलग दिन स्कूल खुलेंगे और कक्षा 11 और 12 के लिए अलग दिन। इसके अलावा जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, नगालैंड, मेघालय, आंध्र प्रदेश में स्कूलों को खोलने की अनुमति दे दी गई है। वहीं चंडीगढ़ में आंशिक तौर पर स्कूल खोलने की अनुमति दी गई है। यहां एक क्लास में केवल 15 स्टूडेंट्स को बैठने की अनुमति दी गई है।
इन राज्यों में बंद रहेंगे स्कूल
कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित महाराष्ट्र में 30 सितंबर तक स्कूल बंद हैं। वहीं उत्तर प्रदेश की सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से स्कूल 21 सितंबर से नहीं खोलने का फैसला किया है। वहीं दिल्ली में 5 अक्टूबर तक स्कूलों को बंद किया गया है। इसके अलावा गुजरात सरकार ने दिवाली तक स्कूल बंद रखने का फैसला किया है। मध्य प्रदेश में आंशिक रूप से स्कूल खुलेंगे। यहां पूरी तरह से कक्षाएं नहीं शुरू की जाएगी। पश्चिम बंगााल में बढ़ते कोरोना केसेज की वजह से स्कूल अभी बंद रखे गए हैं। लेकिन बिहार सरकार ने इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी है। दूसरी ओर झारखंड में 30 सितंबर तक स्कूल बंद हैं। छत्तीसगढ़ में कल ही सरकार ने रायपुर समेत 6 शहरों में लॉकडाउन लागू किया है। राजस्थान में भी स्कूल खुल रहे हैं लेकिन कई प्राइवेट स्कूल बंद ही रहेंगे। केरल में अक्टूबर तक स्कूल बंद रखने की योजना है। कर्नाटक में सरकार ने कक्षा 9 से 12 तक के स्कूल और प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज खोलने पर रोक लगा दी है।
ये हैं स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देश
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कक्षाओं में शिक्षण गतिविधियों के संचालन के लिए दिशानिर्देशों की घोषणा की है। 21 तारीख से 9वीं से लेकर 12वीं कक्षा के बच्चों को स्कूल जाने की अनुमति है लेकिन माता पिता की परमिशन के बाद। 50 प्रतिशत तक स्कूल स्टाफ भी आएगा। ऐसे में सरकार ने कक्षा को लेकर कुछ नियम जारी किए हैं कि स्कूलों में क्या व्यवस्था करनी होगी।
मंत्रालय की ओर से जारी एसओपी
- सिटिंग अरेंजमेंट्स में कम से कम 6 फीट की दूरी रखना अनिवार्य होगा।
- संस्थानों को कहा गया है कि वे सोशल डिस्टेंसिंग का खास ख्याल रखें।
- क्लास के दौरान टीचर और स्टूडेंट्स दोनों के लिए मास्क पहनना भी अनिवार्य होगा।
- संस्थानों को निर्देश दिए गए हैं कि वे शिफ्ट वाइज यानी टाइम स्लॉट के हिसाब से क्लासेज चलाएं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने 8 सितंबर को कक्षा 9 से 12 वीं के छात्रों के लिए स्वैच्छिक आधार पर मार्गदर्शन लेने के लिए स्कूलों के आंशिक रूप से फिर से खोलने के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की थी। SOP 1 सितंबर से लागू होने वाले गृह मंत्रालय के 4 दिशानिर्देशों का पालन करता है। गृह मंत्रालय ने कहा 21 सितंबर से ऑनलाइन शिक्षण या टेली-काउंसलिंग और संबंधित कार्य के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को एक समय में 50 प्रतिशत तक शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को स्कूलों में बुलाया जा सकता है।
इसमें कहा गया है कि कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों को अपने शिक्षकों से मार्गदर्शन लेने के लिए, स्वैच्छिक आधार पर, केवल एक जोन के बाहर के क्षेत्रों में, अपने स्कूलों में जाने की अनुमति दी जा सकती है और यह उनके माता-पिता या अभिभावकों की लिखित सहमति के अधीन होगा। । कक्षा 9 वीं से 12 वीं तक के छात्रों के पास अभिभावक / अभिभावक की लिखित अनुमति के अधीन अपने शिक्षकों के मार्गदर्शन के लिए स्वैच्छिक आधार पर दूर से / वस्तुतः या शारीरिक रूप से कक्षाओं में भाग लेने का विकल्प होगा।
दिशानिर्देशों में कहा गया है कि बार-बार छुई गई सतहों (डॉर्कनॉब्स, एलेवेटर बटन, हैंड्रिल, कुर्सियां, बेंच, वॉशरूम फिक्स्चर इत्यादि) की सफाई और नियमित कीटाणुशोधन (1 प्रतिशत सोडियम हाइपोक्लोराइट का उपयोग) सभी कक्षाओं, प्रयोगशालाओं, लॉकर में अनिवार्य किया जाएगा।