कोरोना संकट के दौर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का नारा दिया है। इससे पहले भी मोदी सरकार कई मौकों पर युवाओं को नया कारोबार शुरू करने के लिए कई योजनाएं शुरू कर चुकी है। लेकिन इस बीच लोगों के व्हाट्सएप और ईमेल पर MSME मंत्रालय की ओर से अप्रूवल लैटर आ रहे हैं। इसमें प्रधानमंत्री रोजगार गारंटी योजना के तहत युवाओं को लोन की पेशकश की जा रही है। वहीं इसके लिए 1000 रुपए की प्रोसेसिंग फीस की राशि मांगी जा रही है।
लोगों के पास जो अप्रूवल लैटर आ रहे हैं वह MSME मंत्रालय के लैटरहेड पर लिखा हुआ है। उसमें लिखा हुआ है कि आपका आवेदन स्वीकृत कर लिया गया है। आपको 24 अक्टूबर से 11 वर्षों के लिए 1.5 लाख रुपये का कर्ज दिया जा रहा है। इसके लिए वार्षिक ब्याज की दर 4 प्रतिशत हैै। इसमें मूल धन पर 35 प्रतिशत की सब्सिडी प्रदान की जाएगी। आपको ब्याज की अदायगी प्रिंसिपल अमाउंट की प्राप्ति के 6 महीने के बाद से शुरू होगी। देय तिथि हर महीने की 24 तारीख होगी।
इसमें कहा गया है कि आपको प्रोसेसिंग फीस के रूप में 1000 रुपए की राशि अदा करनी होगी। इसके लिए कॉरपोरेशन बैंक का अकाउंट नंबर, आईएफएससी कोड आदि दिया गया।
झूठा है ये मैसेज
लोगों पर आ रहे इस संदेश को लेकर केंद्र सरकार की पत्र सूचना कार्यालय यानि पीआईबी ने फैक्ट चैक किया। मंत्रालय से प्राप्त जानकारी से पता चला कि MSME इस तरह की कोई भी योजना नहीं चला रही है। इसमें लोन से जुड़ा दावा झूठा है। यह एक पूरी तरह से फर्जीवाड़ा है, जिसमें लोगों से गलत तरीके से 1000 रुपए की प्रोसेसिंग फीस ली जा रही है। ऐसे में लोगों से गुजारिश की गई है कि वे इन झूठे संदेशों में न फंसें।