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फेसबुक और ट्विटर एकाउंट को आधार से जोड़ना पड़ेगा? क्या है सच्चाई

नेटफ्लिक्स-अमेजन जैसे ओटीटी और फेसबुक-ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए भारत सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन्स के बाद एक ट्वीट के जरिए दावा किया जा रहा है कि फेसबुक और ट्विटर एकाउंट को आधार से जोड़ना पड़ेगा। 

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: February 26, 2021 18:43 IST
फेसबुक और ट्विटर एकाउंट को आधार से जोड़ना पड़ेगा? - India TV Hindi
Image Source : INDIA TV फेसबुक और ट्विटर एकाउंट को आधार से जोड़ना पड़ेगा? 

नई दिल्ली। नेटफ्लिक्स-अमेजन जैसे ओटीटी और फेसबुक-ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए भारत सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन्स के बाद एक ट्वीट के जरिए दावा किया जा रहा है कि फेसबुक और ट्विटर एकाउंट को आधार से जोड़ना पड़ेगा। एक वायरल मैसेज में दावा किया जा रहा है कि सभी सोशल मीडिया एकाउंट को 3 महीने के भीतर मोबाइल फोन के माध्यम से सरकारी आईडी से सत्यापित करना अनिवार्य होगा।

केंद्र सरकार के बारे में 'फेक न्यूज़' से निपटने के लिए पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) ने तथ्य जांच इकाई गठित की। पीआईबी फैक्ट चेक टीम ने इस वायरल मैसेज को लेकर सही जानकारी दी है। पीआईबी ने ट्वीट कर बताया है कि यह दावा गुमराह करने वाला है, सोशल मीडिया एकाउंट का सत्यापन अनिवार्य नहीं है। साथ ही पीआईबी ने भारत सरकार द्वारा ओटीटी और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए जारी की गई भारत सरकार की गाइडलाइन को भी साझा किया है। 

सोशल मीडिया और OTT पर सख्त हुए नियम 

भारत सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती संस्‍थानों के लिए दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम 2021 अधिसूचित किया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों द्वारा भारत में कारोबार करने का स्वागत है, लेकिन उन्हें भारत के संविधान और कानूनों का पालन करना होगा। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल निश्चित तौर पर सवाल पूछने और आलोचना करने के लिए किया जा सकता है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों ने आम उपयोगकर्ताओं को सशक्त बनाया है, लेकिन इसका दुरुपयोग होने और गलत लाभ उठाने पर वे अवश्‍य जवाबदेह होंगे। नए नियमों ने सोशल मीडिया के सामान्य उपयोगकर्ताओं को सशक्त बनाया है और इनमें उनकी शिकायतों के निवारण व समय पर समाधान के लिए उपयुक्‍त व्‍यवस्‍था है। डिजिटल मीडिया और ओटीटी से जुड़े नियमों में आतंरिक एवं स्व-नियमन प्रणाली पर अधिक फोकस किया गया है जिसमें पत्रकारिता व रचनात्मक स्वतंत्रता को बनाए रखते हुए एक मजबूत शिकायत निवारण व्‍यवस्‍था की गई है।

सरकार ने आईटी डिजिटल मीडिया ऐथिक्स कोड के दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं।ओटीटी और डिजिटल मीडिया के लिए रजिस्ट्रेशन तथा डिसक्लेमर की जानकारी अनिवार्य। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की तरह ही डिजिटल प्लेटफॉर्म को भी गलती पर माफी प्रसारित करनी होगी। अश्लील सामग्री मिलने पर 24 घंटे में हटाना होगा। सोशल मीडिया का वर्गीकरण दो प्रकार से होगा: पहला महत्वपूर्ण (Significant), दूसरा कम महत्वपूर्ण (Non-Significant)। मुख्य अनुपालन अधिकारी (Chief Compliance Officer), नोडल संपर्क अधिकारी (Nodal Contact Person) और स्थानीय शिकायत निवारण अधिकारी (Resident Grievance Officer) की नियुक्ति करनी होगी। ओटीटी (OTT) प्लेटफॉर्म्स को भी नियमों और दायरे में ही काम करना होगा। महिलाओं से संबंधी अश्लील सामग्री दिखाने या प्रकाशित करने पर कड़ी कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है। 

आप यहां क्लिक करके ओटीटी और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए भारत सरकार द्वारा जारी नई गाइडलाइन हिंदी में पढ़ सकते हैं।

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