नई दिल्ली: मुख्य चुनाव आयुक्त ओ पी रावत ने आज कहा कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान फेसबुक चुनाव आयोग का सोशल मीडिया पार्टनर बना रहेगा। उन्होंने कहा कि चूक की कुछ घटनाओं की वजह से सोशल मीडिया का इस्तेमाल बंद नहीं किया जा सकता।
उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव आयोग का सोशल मीडिया प्रकोष्ठ नेताओं और राजनैतिक दलों के ऐप के उपयोक्ताओं की रजामंदी के बिना उनका डेटा साझा करने के मुद्दे की पड़ताल करेगा। उन्होंने कहा कि प्रकोष्ठ इस मुद्दे पर चुनाव आयोग को अपनी सिफारिश देगा। इसके बाद आयोग फैसला करेगा।
रावत ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा करने के दौरान संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘कोई भी चूक आधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने से नहीं रोकेगी। बैंक धोखाधड़ी हुई है, लेकिन हमने बैंकिंग नहीं रोक दी है।’’
रावत से पूछा गया था कि यूजर डेटा लीक होने की खबरों के मद्देनजर क्या फेसबुक चुनाव आयोग का सोशल मीडिया पार्टनर बना रहेगा। उन्होंने कहा कि फेसबुक उसका सोशल मीडिया पार्टनर बना रहेगा। उन्होंने कहा, ‘‘यह है। हमारा फेसबुक पेज है।’’
सीईसी ने कहा कि सोशल मीडिया हकीकत है और चुनाव आयोग भारतीय चुनावों को प्रतिकूल तरीके से प्रभावित करने वाले प्रकरणों को रोकने के लिये अपनी तरफ से सभी तरह के एहतियात बरतेगा। उन्होंने यह टिप्पणी ब्रिटिश चुनाव कंसल्टेंसी फर्म कैंब्रिज एनालिटिका के फेसबुक से डेटा हासिल करने के खुलासे के बाद की है।
चुनाव आयोग युवाओं को मतदाता के रूप में पंजीकरण कराने के लिए प्रोत्साहित करने की खातिर फेसबुक का इस्तेमाल करता है।