नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के राष्ट्रपति शेख खलीफा बिन जायद अल नाहयान के कूटनीतिक सलाहकार अनवर गरगश से बातचीत की, जो आपसी हितों की ‘क्षेत्रीय चिंताओं’ पर केंद्रित थी। माना जा रहा है कि जयशंकर और गरगश ने खाड़ी क्षेत्र की समग्र स्थिति के अलावा अफगानिस्तान संकट पर भी विचार-विमर्श किया।
जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘यूएई के राष्ट्रपति के कूटनीतिक सलाहकार डॉ अनवर गरगश का स्वागत कर खुशी महसूस हो रही है। यह हमारे संबंधों में तेजी से हो रही प्रगति को रेखांकित करता है। आपसी हितों की क्षेत्रीय चिंताओं पर चर्चा हुई।’’ यूएई के वरिष्ठ राजनयिक का भारत दौरा ऐसे समय हो रहा है जब काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान में तेजी से घटनाक्रम बदल रहा है।
तालिबान ने 15 अगस्त को काबुल पर कब्जा किया था और उससे कुछ घंटे बाद ही अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़ कर चले गए थे। चार दिन बाद गनी संयुक्त अरब अमीरात में सामने आए। तालिबान के वरिष्ठ नेता शेर मोहम्मद अब्बास स्तानेक्जई ने शनिवार को कहा कि उनका संगठन भारत के साथ अफगानिस्तान के कारोबार, आर्थिक और राजनीतिक संबंधों को कायम रखना चाहता है।
स्तानेक्जई ने कहा कि भारत क्षेत्र का अहम देश है। स्तानेक्जई ने कहा, ‘‘हम भारत के साथ हमारे कारोबार, आर्थिक और राजनीतिक संबंधों के जरिये जुड़े हुए हैं और हम उसे कायम रखना चाहते हैं।’’ फिलहाल, भारत इंतजार करो और देखों की नीति पर काम कर रहा है। वह देख रहा है कि अफगानिस्तान की नई सरकार केवल तालिबान की होती है या अन्य अफगान नेताओं से सत्ता में साझेदारी का समझौता होता है।