नई दिल्ली: इंडिया टीवी को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान इंटरनेशनल बार्डर पर मानवरहित ड्रोन विमान के ज़रिए भारत की जासूसी कर रहा है। पाकिस्तान की ये करतूत राजस्थान के गंगानगर में उस समय पकड़ी गई जब बीएसएफ ने सरहद से महज़ तीन सौ मीटर दूर पाकिस्तान के मानवरहित टोही विमान अनमैन्ड एरियल व्हिकल (UAV) को उड़ते हुए देखा गया। ये विमान 500 मीटर की ऊंचाई से भारतीय इलाकों की तस्वीर ले रहा था। बीएसएफ ने तत्काल इस जासूसी को गंभीरता से लिया और पाकिस्तान के साथ फ्लैग मीटिंग में इस मुद्दे को उठाया।
पाकिस्तान ने अपना खुद का मानवरहित ड्रोन 'बुराक' बनाया है जिससे वो नापाक हरकतों को अंजाम दे रहा है।
सूत्रों से मिली जानकारी के बीएसएफ को पिछले कई दिनों से रात के समय जैसलमेर बीकानेर और गंगानगर में अंतर्राष्ट्रीय बार्डर से सिर्फ 200 से 300 मीटर की दूरी पर आसमान में लाल रंग की रौशनी टिमटिमाती हुई और धुंए की एक लकीर दिखाई दे रही थी। आसमान में हो रही इस गतिविधि पर जब एक्सपर्टस ने गौर किया तो पता चला कि पाकिस्तान का मानवरहित टोही विमान 200 से 300 मीटर की दूरी पर लगातार उड़ान भर रहा था।
ये टोही विमान 500 मीटर की ऊंचाई पर उड़कर भारतीय इलाके की फोटोग्राफी कर रहा था। पाकिस्तान की इस नापाक हरकत को बीएसएफ ने गंभीरता से लिया और पाकिस्तानी रेंजर्स के साथ एक फ्लैग मीटिंग में लिखित रुप में अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया है।
एक महीने पहले पाकिस्तान ने आर्मी चीफ राहिल शरीफ की मौजूदगी में ड्रोन विमान बुराक का टेस्ट किया था। तभी से भारत को ऐसी आशंका थी कि पाकिस्तान इसका इस्तेमाल जासूसी के लिए कर सकता है।
हालांकि टेस्टिंग के वक्त पाकिस्तान ने बहाना बनाया था कि इस ड्रोन को आंतकवाद से लड़ाई के लिए विकसित किया गया है, लेकिन पाकिस्तान ने इस हरकत से साबित कर दिया है कि भारत की आशंका गलत नहीं थी। काफी सालों के इंतजार के बाद पाकिस्तान ने इटली की कंपनी सेलेक्स गैलिलियो और अमेरिका की मदद से ड्रोन बना लिया जिसका नाम 'बुराक' रखा है।
टेस्टिंग से समय पाकिस्तान ने लेजर गाइडेड मिसाइल के ज़रिए ड्रोन से निशाने लगा कर भी दिखाए थे। सूत्रों की माने तो पाकिस्तान का ये ड्रोन फिलहाल सिर्फ जासूसी के काम ही आ रहा है जिसका सबसे बड़ा इस्तेमाल भारत की सरहदों पर नज़र रख कर करना चाहता है।
रक्षा सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तानी रेंजर्स ने इस बात को मानने से इनकार किया है कि सरहद के पास कोई ड्रोन जासूसी कर रहा है। लेकिन इस हरकत के सामने आने के बाद भारतीय सुरक्षा एंजेसियां चौकन्नी हो गयी हैं।
क्या है अनमैन्ड एरियल व्हिकल ?
ये है अनमैन्ड एरियल व्हिकल यानी यूएवी जिसमें पायलट नहीं होता। आम भाषा में यूएवी (UAV) को ड्रोन कहा जाता है। ये मानव रहित विमान आसमान से जमीन पर नजर रख सकता है ये किसी गाड़ी को चेज़ कर सकता है। यह कई किलोमीटर इलाके की निगरानी कर सकता है। यहां तक की किसी इंसान की छोटी से छोटी गतिविधि पर भी नजर रख सकता है। इसमें कई तरह के सेंसर लगे होते हैं जिससे यह दुश्मन की हर गतिविधि पर नजर रख सकने वाला ड्रोन कुछ मीटर से लेकर तीस हजार फीट तक की ऊंचाई पर उड़ सकता है।
कैसे काम करता है अनमैन्ड एरियल व्हिकल ?
ड्रोन को ज़मीन से एक पायलट और एक ऑपरेटर मिलकर चलाते हैं। ज़मीन पर मौजूद पायलट इसे रिमोट के जरिए आसमान में कंट्रोल कर इसका काम और दिशा तय करता है, जबकि ऑपरेटर इसके काम पर नज़र रखता है जैसे ये किस दिशा में जा रहा है।
किस काम आता है ड्रोन?
ड्रोन में हाई रेसुलुयुशन कैमरे लगा होता है जो धरती की किसी भी ऑब्जेक्ट की साफ साफ तस्वीर भेज सकता है। ये दुश्मन के इलाके की टोह ले सकता है और अपनी सीमा की रखवाली कर सकता है। यहीं नहीं एक ड्रोन अपने साथ कई तरह के हथियार भी जे जा सकता है जिसमें सबसे खास है लेज़र गाइडिड मिसाइल। जिससे ये किसी भी लक्ष्य पर सौ फीसदी सही निशाना लगाने में कामयाब होता है।
जीपीएस सिस्टम के जरिए काम करने वाले अलग-अलग ड्रोन की कार्यक्षमता अलग-अलग होती है। सामान्य तौर पर निगरानी के लिए यूज किए जानेवाले ड्रोन की रेंज फिलहाल 100 किमी तक है। एक बार बैटरी चार्ज होने पर यह काफी ऊंचाई पर 100 किमी प्रति घंटा की स्पीड से उड़ सकता है। इसकी एक बैटरी लगभग डेढ़ घंटे तक चलती है।