नई दिल्ली: चीन में पढ़ने गए पाकिस्तान के छात्र आज भी वहां फंसे हुए हैं। ये छात्र कोरोना वायरस के खौफ से परेशान हैं। न उनके पास खाने का ठीक इंतजाम हैं, न पानी है, न दवा है और न इस बात की कोई उम्मीद कि पाकिस्तान की सरकार उन्हें निकालने का कोई रास्ता ढूंढ़ेगी। पाकिस्तान के छात्रों ने वहां देखा कि नरेन्द्र मोदी ने पहल करके चीन में फंसे भारत के छात्रों को वहां से निकाला....स्पेशल फ्लाइट का इंतजाम किया। पाकिस्तान के छात्र अपने कमरों की खिड़कियों से देखते रहे कि कैसे इंड़ियन एंबेसी की बसें भारत के छात्रों को लेकर वहां से निकलीं।
पाकिस्तान के छात्रों को ये भी पता चला कि जब वो छात्र भारत पहुंचे तो कैसे उनका चैकअप हुआ। अच्छी तरह से उनकी देखभाल हुई....और उनके रहने के इंतजाम किए गए। चीन में फंसे पाकिस्तान के छात्र की बात जो अपनी सरकार की बेरूखी से हैरान हैं। चीन में फंसी एक पाकिस्तानी छात्रा ने कहा कि उनकी हालत कैदियों जैसी है.....न खाना है.... न पानी। इस छात्रा ने कहा कि उसने भारत के छात्रों को खुद विदा किया...भारत की सरकार ने अपने छात्रों का ख्याल रखा लेकिन इमरान खान की सरकार पाकिस्तानी छात्रों की मदद करने के बजाए झूठे दावे कर रही है।
जो पाकिस्तान नागरिक किसी तरह चीन से बचकर वापस आ गए..उनके लिए पाकिस्तान में कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं। ना डॉक्टर हैं...ना हॉस्पिटल और ना ही आइशोलेशन वॉर्ड। वहीं भारत सरकार ने अपने नागरिकों को चीन से लाने से पहले ही दिल्ली के छावला इलाके और हरियाणा के मनेसर में दो स्पेशल हॉस्पिटल्स बनवाए। हदिल्ली के हॉस्पिटल का इंतजाम ITBP देख रही है जबकि मनेसर का हॉस्पिटल आर्मी के नियंत्रण में है..इन दोनों हॉस्पिटल्स में चीन से लाए गए भारतीयों के लिए पूरे बंदोबस्त किए गए हैं। हालांकि कोई भी नागरिक कोरोना वायरस से इन्फेक्टेड नहीं है, इसके बावजूद चौबीसों घंटे इन्हें डॉक्टर्स की निगरानी में रखा गया है। सफदरजंग और एम्स जैसे अस्पतालों से एक्सपर्ट डॉक्टर इन्हें देखने आ रहे हैं। वहीं इसकी तुलना पाकिस्तान से की जाये तो चीन से आए लोगों के लिए वहां कोई इंतजाम नहीं है।