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Exclusive: मुंबई के अस्पताल COVID मरीजों के शव को लावारिस बताकर निपटा रहे, परिजन कर रहे इंतजार

महाराष्ट्र में कोरोना के मरीजों की संख्या 97 हजार 648 हो गई है और अबतक 3590 लोगों की मौत हो चुकी है।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : June 11, 2020 23:33 IST
Exclusive: मुंबई के अस्पताल COVID मरीजों के शव को लावारिस बता कर निपटा रहे, परिजन कर रहे इंतजार
Image Source : INDIA TV Exclusive: मुंबई के अस्पताल COVID मरीजों के शव को लावारिस बता कर निपटा रहे, परिजन कर रहे इंतजार

नई दिल्ली: महाराष्ट्र में कोरोना के मरीजों की संख्या 97 हजार 648 हो गई है और अबतक 3590 लोगों की मौत हो चुकी है। आज महाराष्ट्र में 3607 नए केस आए। एक ही दिन में 152 लोगों की मौत हुई। अकेले मुंबई में ही कोरोना के 54 हजार मरीज होने वाले हैं। मुंबई में अब तक 1952 लोगों की मौत हो चुकी है। यहां चौबीस घंटे के दौरान 1540 नए केस मिले हैं और एक दिन में 97 लोगों की मौत हुई। जैसे-जैसे मरीजों की संख्या बढ़ रही है वैसे-वैसे मुंबई के हॉस्पिटल्स की हालत खराब हो रही है।

आपको जानकर हैरानी होगी कि मुंबई में ऐसे दर्जनों मामले सामने आए जिनमें कोरोना से मरने वालों की लाशों को लावारिश बताकर दफना दिया गया या जला दिया गया। इंडिया टीवी संवाददाता दिनेश मौर्य को एक ऐसे परिवार के बारे में जानकारी  मिली जिसके मरीज को जोगेश्वरी के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था और उसकी मौत हो गई। घरवालों को पता भी नहीं चला और लाश को लावारिस बताकर जला दिया गया। 

दरअसल 11 मई को राकेश वर्मा की टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। BMC को खबर दी गई और BMC की टीम राकेश को तुरंत हॉस्पिटल ले गई। उन्हें जोगेश्वरी के ट्रॉमा केयर सेंटर अस्पताल में भर्ती करा दिया। चूंकि परिवार वालों का टेस्ट नहीं हुआ था इसलिए बीएमसी ने राकेश वर्मा की पत्नी, दो बच्चों और मां को क्वारंटीन सेंटर भेज दिया। 15 मई तक मां और पत्नी क्वारंटीन सेंटर से फोन के जरिए राकेश वर्मा से हालचाल पूछते रहे। लेकिन एक दिन अचानक राकेश अपने बेड से गायब हो गए। पता लगा कि उन्हें दूसरे हॉस्पिटल में शिफ्ट किया गया है लेकिन उसके बाद कोई खबर नहीं मिली। 

राकेश के परिवारवाले 25 मई को क्वारंटीन सेंटर से अपने घर आए। हॉस्पिटल पहुंचकर राकेश के बारे में पूछा तो कोई जानकारी नहीं मिली।काफी चक्कर काटने क बाद पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई तो 27 मई को राकेश का एक डैथ सर्टिफिकेट मिला। इसके बाद पता लगा कि राकेश की मौत तो 17 मई को ही हो गई थी। वडाला पुलिस ने 18 मई को एक लावारिस मानकर राकेश की लाश का अंतिम संस्कार कर दिया। राकेश के पिता की मौत पहले हो चुकी है। मां का इकलौता बेटा था..अब इस घऱ में बूढ़ी मां हैं। राकेश की वाइफ और दो छोटे छोटे बच्चे हैं, उन्हें नहीं मालूम क्या करें? किससे शिकायत करें? किसे अपना दर्द बताएं? किससे इंसाफ मांगें?

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