नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ में फर्स्ट फेज की वोटिंग 12 नबंवर को होगी और पहले फेज में वोटिंग नक्सिल प्रभावित इलाकों में हो रही है। जिस बाधा डालने के लिए नक्सलियों ने जमीन के अंदर मौत के गड्ढे तैयार किए है जिसे ऊपर से देखकर कोई पता नहीं लगा सकता कि कदम रखते ही मौत से सामना हो जाएगा। शुक्रवार को दन्तेवाडा पुलिस फोर्स ने बडी संख्या मे नक्सलियों की इस साजिश को नाकाम कर दिया।
पुलिस ने ऐसे कई गड्ढों को खोज निकाला, हालांकि इस तरह की टैक्नीक नक्सली पहले भी इस्तेमाल करते रहे हैं। कई जवानों की जान इस तरह ले चुके हैं। लेकिन दंतेवाड़ा के इलाके में वोटिंग से पहले बड़ी संख्या में इस तरह के स्पाईकहोल के खुलासे से सिक्युरिटी फोर्सेज चौंकन्नी हो गई हैं। क्योंकि इलैक्शन के दौरान सिर्फ जवान ही नहीं इलैक्शन ड्यूटी में तैनात दूसरे सरकारी कर्मचारी और आम लोग भी इन रास्तों का इस्तेमाल करेंगे।आज पुलिस फोर्स को मुखबिर ने सूचना दी थी कि धनिकरका की पहाडी पर नक्सलियों की मूवमेंट देखी गई है। लोकल पुलिस और डी.आर.जी. की टीम जब इस पहाडी पर पहुंची तो नक्सलियों ने ताबडतोड फायरिंग शुरू कर दी। पैंतालिस मिनट तक चली मुठभेड के बाद नक्सली भाग खडे हुए। इसके बाद जब इलाके को बारीकी से सर्च किया गया तो यहां करीब पैंतालिस स्पाइक होल मिले। मौके पर मिले खून के धब्बों के आधार पर पुलिस ये दावा कर रही है कि इस मुठभेड मे कुछ नक्सलियों के घायल होने या मारे जाने की संभावना है।
रायपुर में स्पेशल इंटेलिजेंस ब्यूरो के अफसर ने बताया कि नक्सलियों का एक ग्रुप इन्हीं स्पाइक्स को बनाने में माहिर है...तीर या लक़डी के टुकडे के ऊपर नुकीला लोहे का टुकड़ा लगाकर इसे छिपा दिया जाता है और इसी ट्रैप में जवान कई बार फंस जाते हैं। पिछले कुछ वक्त से नक्सली लैंड माइन ब्लास्ट IED ब्लास्ट को अंजाम दे रहे थे लेकिन इन नए स्पाइक होल का खुलासा तब हुआ जब दंतेवाड़ा में एक महिला को सिक्योरिटी फोर्सेस ने नक्सलियों के चंगुल से छुडाया गया। ये महिला पांच दिन से नक्सलियों के चंगुल में फंसी थी। उनके बिछाए स्पाइक होल्स की चपेट में आ गई थी..नक्सलियों ने इसे एक घर में कैद किया हुआ था। लेकिन जब फोर्स पहुंची तो नक्सली भाग गए। बाद में इसी महिला ने नक्सलियों की इस खौफनाक साजिश के बारे में पुलिस को बताया। इसके बाद सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन ने दंतेवाड़ा में सर्च ऑपरेशन चलाया तो एक के बाद एक कई स्पाइक होल्स मिले।
ये ऐसा इलाका है जहां नक्सलियों का दबदबा है। हर बार इलैक्शन के दौरान नक्सली लोकल लोगों को डरा धमका कर पोलिंग बूथ्स तक जाने से रोकते हैं। 1998 से इस इलाके में पोलिंग परसेंट न के बराबर है। क्योंकि नक्सली नहीं चाहते कि लोकतंत्र बहाल हो सके। सिक्युरिटी फोर्सेज का कहना है कि नक्सलियों ने निलावाया, अरबे और बुरगुम गांव के आस पास के इलाकों में सैकड़ो स्पाइक होल का जाल बिछा रखा है। अधिकारियों का कहना है की करीब एक दर्जन स्पाइक होल को नष्ट किया जा चुका है। अब पूरे इलाके को सर्च किया जा रहा है। इस गड्ढे में गिरने के बाद मौत तय है। गड्ढे पर पैर पड़ते ही जवान सीधे नीचे गिरता है और दर्जनों नुकीले तीर उसकी बॉडी में घूस जाते हैं। गड्ढे में गिरा शख्स इतना घायल हो जाता है कि अक्सर उसकी मौत हो जाती है। अगर बच भी गया तो इसमें गिरकर निकलना मुश्किल है। गड्ढे में गिरे घायल जवान को नक्सली घेर लेते हैं। उसकी हत्या करने के बाद उसके हथियार लूट कर भाग जाते हैं।
नक्सलियों ने पुलिस फोर्स को नुक्सान पहुंचाने के लिए अंडरग्राउंड प्रेशर बम और स्पाइक होल बडी संख्या मे प्लान्ट किये हुए हैं। अक्सर पुलिस और फोर्स के जवान इनमें फंस कर मारे जाते हैं। आज सर्च ऑपरेशन के दौरान सीआरपीएफ का एक जवान भी इन स्पाइक होल्स की चपेट में आ गया। नक्सलियो ने जो तीर छिपाए हुए थे उनमें से एक जवान के पांव के आर पार निकल गया। हालांकि इस जवान को फौरन उसके साथियों ने अस्पताल में भर्ती करवा दिया।