नई दिल्ली: भीमा कोरेगांव हिंसा के मामले में सुप्रीम कोर्ट के रुख के बाद पांचों आरोपी फिलहाल नज़रबंद हैं। मामले की अगली सुनवाई 6 सितंबर को होगी लेकिन इस बीच इंडिया टीवी के हाथ कुछ ऐसी चिट्ठियां लगी हैं जिनसे आरोपियों और नक्सलियों के लिंक का खुलासा हुआ है। इंडिया टीवी के पास नकस्लियों की 8 चिट्ठियां हैं जिनमें से एक चिट्ठी में नक्सलियों के कश्मीरी अलगाववादियों से रिश्ते की बात सामने आई है। इसके साथ ही एक चिट्ठी में तो कांग्रेस के एक नेता का जिक्र है जिसके बारे में लिखा गया है कि वो नक्सलियों को फंड देने को तैयार है। यही नहीं इन चिट्ठियों में पकड़े गए पांचों आरोपियों के भी नाम हैं।
6 सितंबर तक अपने-अपने घरों में नज़रबंद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ और भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में नजरबंद अरुण फरेरा, गौतम नवलखा, सुधा भारद्वाज, वरवरा राव और वर्नन गोंसाल्विस, ये वो लोग हैं जिन्होंने शहरी नक्सलवाद के दावों को एक नई हवा दी है। मंगलवार को गिरफ्तारी और बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से राहत के बीच फिलहाल सब 6 सितंबर तक अपने-अपने घरों में नज़रबंद हैं। आगे क्या होगा ये भी तब पता चलेगा जब पुणे पुलिस इनके खिलाफ पुख्ता सबूत देगी लेकिन उससे पहले इंडिया टीवी के हाथ कुछ ऐसी चिट्ठियां हाथ लगी हैं जिनकी मजमून से इनकी साजिश का पता चलता है।
इन चिट्ठियों में से कुछ में सीधे-सीधे नाम लिखे हैं तो कुछ के नाम कोड वर्ड में लिखे गए हैं। ये चिट्ठियां इन आरोपियों के खिलाफ ऐसे सबूत हैं जिनसे कई और चेहरे बेनकाब हो जाएंगे। ये ऐसे सबूत हैं जिससे इनमें से कई लोगों के नक्सलियों से सीधा कनेक्शन साबित होते है। साथ ही इस पर भी मुहर लगती है कि इनमें से कई की भूमिका बड़े नक्सली हमलों में भी रही है।
वरवरा राव से लेकर गौतम नवलखा तक के बारे में चिट्ठी में जिक्र
इन चिट्ठियों में कई आरोपियों का ज़िक्र है। वरवरा राव से लेकर गौतम नवलखा तक के बारे में चिट्ठी में लिखा गया है लेकिन इन सबके बीच सबसे ज़रूरी नाम है सुधा भारद्वाज का। सुधा भारद्वाज फिलहाल नज़रबंद है लेकिन उनकी एक चिट्ठी सामने आई है जिसे देखकर आप चौंक जाएंगे। खास बात ये कि इस चिट्ठी को खुद सुधा भारद्वाज ने कॉमरेड प्रकाश को लिखा था जिसके चौथे प्वाइंट में सुधा भारद्वाज ने दलित एक्टिविस्ट गौतम नवलखा का भी ज़िक्र किया है जिन्हें पुलिस ने दिल्ली में पकड़ा था और वो भी बाकी आरोपियों के साथ 6 सितंबर तक नज़रबंद है।
इस चिट्ठी में सुधा भारद्वाज ने आगे लिखा है,
प्रिय कॉमरेड प्रकाश
प्रोफेसर साईबाबा को सज़ा होने के बाद अर्बन कैडर में जो दहशत पैदा हुई, उसका प्रभाव रोकने के लिए कश्मीरी अलगाववादियों द्वारा वहां के उग्रवादी संगठनों, उनके पारिवारिक सदस्यों और पत्थरबाज़ों को दिए जा रहे पैकेज के तहत हम अपने अर्बन और इंटीरियर के कॉमरेड्स का उनके काम के अनुरूप पैकेज तय कर दें, ताकि वो लोग हमारे संगठन के लिए पूर्ण रूप से समर्पित होकर काम करते रहे और किसी भी दुर्घटना और कानूनी परिस्थिति का सामना करने के लिए मानसिक रूप से तैयार रहें।
सुधा भारद्वाज
शहरी नक्सलियों के कश्मीर में बैठे अलगाववादियों के साथ लिंक
सुधा भारद्वाज की इस चिट्ठी से ना सिर्फ़ ये साबित होता है कि शहरी नक्सलियों के कैसे कश्मीर में बैठे अलगाववादियों के साथ लिंक थे। इन चिट्ठियों में एक और अहम किरदार का ज़िक्र है और वो है वरवरा राव। चिट्ठी से वरवरा राव का नक्सलियों के साथ ना सिर्फ़ लिंक का खुलासा होता है बल्कि ये भी पता चलता है कि कैसे कुछ नक्सली हमलों में वरवरा राव अहम भूमिका में रहे। इसमें सुरेंद्र गडलिंग का भी नाम शामिल है जिसे इस मामले में पुलिस ने जून में गिरफ्तार किया था।
चिट्ठी में किसी कांग्रेस नेता का भी ज़िक्र
एक चिट्ठी से एक और हैरान करने वाला खुलासा हुआ है। नक्सलियों ने अपनी चिट्ठी में किसी कांग्रेस नेता का भी ज़िक्र किया है जो छात्रों के एक प्रदर्शन के दौरान उन्हें फंडिंग करने को तैयार था। साथ ही चिट्ठी से इस बात का भी खुलासा होता है कि कैसे नक्सली किसी बड़ी साज़िश को अंजाम देने के लिए हथियारों का इंतज़ाम कर रहे थे। हालांकि इस चिट्ठी में ये साफ नहीं है कि कांग्रेस का ये नेता कौन है लेकिन बीजेपी आरोप लगा रही है कि कांग्रेस नक्सलियों की मददगार है और इसका सबूत कल सुप्रीम कोर्ट में तब मिल गया जब कांग्रेस के सीनियर नेता और प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी भी पकड़े गए आरोपियों को बचाने कोर्ट पहुंच गए।