नई दिल्ली: संशोधित नागरिकता अधिनियम के विरोध में 17 दिसंबर को सीलमपुर और जाफराबाद इलाके में हुई हिंसा दिल्ली पुलिस समेत कइयों के लिए दु:स्वप्न है। इस विरोध-प्रदर्शन के दौरान पुलिस के ऊपर ईंट, पत्थर और पेट्रोल से भरी बोतलें फेंकी जा रही थीं। इस झड़प में कुछ लोग घायल भी हो गए थे। पुलिस ने हिंसा की इस घटना की एफआईआर 17 दिसंबर को ही दर्ज कर दी थी और खास बात यह है कि इसमें सीलमपुर के पूर्व विधायक मतीन अहमद और जाफराबाद के पार्षद अब्दुल रहमान का नाम भी सामने आया है।
इंडिया टीवी के पास मौजूद इस एफआईआर की एक्सक्लूसिव कॉपी के मुताबिक, वहां मौजूद भीड़ निगम पार्षद अब्दुल रहमान के उकसाने पर इकट्ठा हो गई और इसी दौरान मौजपुर से भी अनियंत्रित भीड़ उसमें शामिल हो गई। साथ ही पूर्व विधायक मतीन अहमद के नेतृत्व में संशोधित नागरिकता बिल के विरोध में नारे लगाते बाइक सवार भी आ गए। इस दौरान पुलिस ने अहमद को स्थिति के बिगड़ने की बात समझाने की भी कोशिश की, लेकिन फिर भी वह नहीं माने और बगैर इजाजत के रैली निकाली। कुछ देर बाद भीड़ ने उग्र रूप ले लिया और बिल एवं पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करने लगी।
इस एफआईआर के मुताबिक, पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में करने की काफी कोशिश की लेकिन हालात पूरी तरह बेकाबू हो चुके थे। इस दौरान कई पुलिसकर्मियों पर जानलेवा हमला भी किया गया जिनमें कइयों को चोट लगी। एफआईआर के मुताबिक प्रदर्शनकारियों पर बगैर अनुमति के इकट्ठा होने और पुलिस पर जान से मारने की नीयत से हमला करने समेत तमाम मामलों में एफआईआर की गई है। आपको बता दें कि संशोधित नागरिकता कानून को लेकर देश के कई इलाकों में बीते कुछ दिनों में हिंसक प्रदर्शन हुए हैं जिसमें कई लोगों की जान गई है।