नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान ने आज नई दिल्ली और इस्लामाबाद में एक साथ अपने राजनयिक चैनलों के माध्यम से अपनी-अपनी हिरासत में सिविल प्रिजनर्स और मछुआरों की सूचियों का आदान-प्रदान किया। यह 2008 के समझौते के प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए किया गया है जिसके तहत हर साल 1 जनवरी और 1 जुलाई को कैदियों की सूची का आदान-प्रदान किया जाता है। भारत ने पाकिस्तान को 265 पाकिस्तानी सिविल प्रिजनर्स और 97 मछुआरों की लिस्ट सौंपी जो उसकी हिरासत में हैं। इसी तरह पाकिस्तान ने भी अपनी हिरासत में बंद 54 सिविल प्रिजनर्स और 270 मछुआरों की लिस्ट साझा की जो या तो भारतीय हैं या जिन्हें भारतीय माना गया है।
सरकार ने नागरिक कैदियों, लापता भारतीय रक्षा कर्मियों और मछुआरों को उनकी नौकाओं के साथ पाकिस्तान की हिरासत से जल्द रिहाई और वापसी का आह्वान किया है। इस संदर्भ में, पाकिस्तान को 7 भारतीय नागरिक कैदियों और 106 भारतीय मछुआरों की रिहाई और उनकी वापसी के लिए कहा गया था जिनकी राष्ट्रीयता की पुष्टि की गई है और जिनके बारे में पाकिस्तान को सूचित किया गया है। इसके अलावा, पाकिस्तान से कहा गया है कि वह अपनी हिरासत में बंद भारतीय मछुआरों और 18 भारतीय नागरिक समझे जाने वाले कैदियों को तत्काल कांसुलर एक्सेस प्रदान करे।
सरकार ने पाकिस्तान से चिकित्सा विशेषज्ञों की टीम के सदस्यों को वीजा देने में तेजी लाने और पाकिस्तान की विभिन्न जेलों में बंद कैदियों, जिन्हें भारतीय माना गया है, की मानसिक स्थिति का आकलन करने के लिए उनकी पाकिस्तान यात्रा की मांग की है। इसके साथ ही संयुक्त न्यायिक समिति की शीघ्र पाकिस्तान यात्रा का आयोजन करने और भारतीय मछली पकड़ने वाली नौकाओं की रिहाई और प्रत्यावर्तन के सिलसिले में कराची में 4 सदस्यीय टीम के शुरुआती दौरे की तैयारी करने की मांग की गई है।