नयी दिल्ली। महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख धनशोधन के मामले में किसी दंडात्मक कार्रवाई से संरक्षण प्राप्त करने के लिए रविवार को उच्चतम न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट) पहुंचे। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 71 वर्षीय राकांपा नेता को शनिवार को नया नोटिस जारी कर मामले में पांच जुलाई को पेश होने को कहा था। ईडी देशमुख को अब तक तीन नोटिस जारी कर चुका है। उनसे सोमवार को एजेंसी के दक्षिण मुंबई स्थित कार्यालय में अपना बयान दर्ज कराने को कहा गया है।
अधिवक्ता इंदरपाल बी सिंह ने मीडिया के लिए जारी एक वीडियो संदेश में कहा कि देशमुख ने दंडात्मक कार्रवाई से संरक्षण प्राप्त करने के लिए उच्चतम न्यायालय से संपर्क किया है। पूर्व मंत्री इससे पहले ईडी द्वारा भेजे गए दो नोटिसों पर कोविड-19 संबंधी ‘‘संवेदनशीलता’’ का उल्लेख करते हुए पेश नहीं हुए थे। इसकी जगह उन्होंने ईडी से कहा था कि वह वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अपना बयान दर्ज करा सकते हैं।
ईडी ने उन्हें नया समन 100 करोड़ रुपये की वसूली से संबंधित रैकेट चलाने के आरोप से जुड़े धनशोधन के मामले में भेजा है। मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने देशमुख पर वसूली रैकेट चलाने का आरोप लगाया था। मामले में बंबई उच्च न्यायालय द्वारा सीबीआई जांच का आदेश दिए जाने के बाद देशमुख ने राज्य के गृह मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। देशमुख ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार किया है।