नई दिल्ली: बलात्कारी गुरमीत राम रहीम को तो 20 जेल की सज़ा मिल गई लेकिन सवाल है कि हत्यारे राम रहीम का हिसाब कैसे होगा। कैसे मिलेगा डेरे के पूर्व मैनेजर फकीरचंद और अख़बार के संपादक रामचंद्र छत्रपति को इंसाफ़। हालांकि हत्याकांड के दोनों केस में राम रहीम अभी तक आरोपी है लेकिन इस पाखंडी बाबा के ख़िलाफ़ सात समंदर पार से एक गवाही ऐसी है, जो रौंगटे खड़े करती है। ये गवाही किसी और की नहीं बल्कि राम रहीम के पूर्व बॉडीगार्ड की है जिससे पता चलता है कि सिरसा के डेरे के भीतर बाबा मर्डर की फैक्ट्री चलाता था।
ये बाबा इतना ख़तरनाक था जिसने इंसानों यानी सेवकों-साध्वियों को सुधारने के नाम पर अपने गुर्गों को कत्ल की सुपारी दे दी थी। बकायदा मर्डर के लिए डेरे के भीतर एक क़त्लखाना बना था जिसे शैतान राम रहीम ने मानव सुधार केंद्र का नाम दिया था। उन्होंने बताया कि राम रहीम ने ढाई सौ से ज्यादा लड़कियों से बलात्कार किया है।
'सिरसा का डेरा श्मशान था'
राम रहीम की गुफा के पास एक कमरा था जिसमें एक ही दरवाज़ा था और उसके विरोधियों के लिए ये मौत का पता था जहां राम रहीम के विरोधियों को पकड़कर लाया। फिर टॉर्चर और मारपीट होती। इसके बाद विरोधियों को गोली मारी जाती और फिर उन्हें वहीं दफना दिया जाता। राम रहीम के विरोधियों के लिए ऐसे ही मौत आती और ये खुलासा किया है राम रहीम के पूर्व बॉडीगार्ड बेअंत सिंह ने। उन्होंने कहा कि राम रहीम एक हत्यारा था और सिरसा का डेरा शमशान जहां नाफ़रमानी के बदले मर्डर की गारंट थी। डेरे के भीतर नरसंहार के सबूत दफन हैं और डेरे के बाग की मिट्टियों में सैकड़ों लोगों की लाशें दफन हैं।
आख़िर डेरे के भीतर और बाहर राम रहीम ने कैसे-कैसे लाशें बिछाईं और क्यों?
बेअंत सिंह ने बताया, जो लोग डेरे या बाबा को स्वीकार नहीं करते हैं या खिलाफ बोलता है या ये पता चल गया कि बाबा का ब्लैकमनी है...उसको मारना शुरू कर देते थे। इनको मारते कहां थे...एक मानव सुधार कमरा हुआ करता था। पुराने डेरे में गुफा के पास पीछे एक रूम था, उस रुम की कोई विंडो नहीं थी एक गेट था..उसका नाम था मानव सुधार कमरा...उसी में रखते थे और मारते थे और नजदीक पड़ती थी भाखड़ा नदी, उसमें उसकी बॉडी फेंक दिया करते थे...उसका फेस खराब कर देते थे।’
बेअंत सिंह ने देखा और सुना कि राम रहीम संत में चोले में अव्वल कसाई था। फिलहाल बेअंत सिंह लंदन में रहते हैं और उनके कई खुलासे राम रहीम के असली चेहरे को बेनकाब करता है। राम रहीम और उसके गुर्गों का ख़ूनी खेल बरसों से जारी था। लंदन में रहने वाले और बाबा के पूर्व बॉडीगार्ड के मुताबिक पहले राम रहीम विरोधियों को डेरे के बाहर ठिकाने लगाता था।
बाबा की किलर फैक्ट्री
- सबसे पहले राम रहीम सिरसा में बहने वाली भाखरा नदी में लाशों को ठिकाने लगाता था
- लेकिन मर्डरर बाबा का चेहरा सरेआम न हो जाए ... इसके लिए उसने लाशों को आश्रम यानी डेरे के भीतर ठिकाने लगाने का खेल शुरु कर दिया
- आश्रम में भी भक्तों का अंगदान के नाम पर मर्डर हुआ
- मर्डर करवा कर राम रहीम लाशों को समाधि की अवस्था में रखवा देता और बाद में रिसर्च के नाम पर लाशों को ठिकाने लगा देता ...
जल्लाद राम रहीम इतना हैवान था कि उसे ज़रा सी भनक लगती कि किसी भक्त या बॉडीगार्ड को उसके काले कारनामों का पता चल गया। बाबा को भनक लग गई कि साध्वियों से बलात्कार की बात किसी सेवक को पता चल गई। इस शैतान को ख़बर लग गई कि बलात्कार की पीड़िता साध्वी उसका भंडाफोड़ कर सकती है या कोई सेवक उसके ब्लैकमनी के कारोबार को सरेआम कर सकता है तो ये हैवान उसका काम तमाम कर देता। बाबा और गुर्गे विरोधियों के पीछे पड़ जाते और उसे या तो डेरे से भीतर ही ठिकाने लगा देते या फिर डेरे के बाहर ... बाबा सिर्फ़ डेरे के भीतर ही मर्डरर नहीं था बल्कि उसकी किलर मशीन हरियाणा और आस-पास के राज्यों में बाबा के बगावत करने वालों को मौत के घाट उतार देता था।
देखिए वीडियो-