जम्मू: भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह ने यहां चुनावी बिगुल बजाते हुए रविवार को कहा कि असम की तर्ज पर कश्मीर से कन्याकुमारी तक एक-एक घुसपैठिये को चुन-चुनकर बाहर निकाला जायेगा। शाह ने यहां ‘विजय संकल्प सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए कहा कि असम की तर्ज पर कश्मीर से कन्याकुमारी तक एक-एक घुसपैठिये को चुन-चुनकर को बाहर किया जायेगा। उन्होंने आतंकवाद से मुकाबले के लिए मोदी सरकार के संकल्प समेत विभिन्न मुद्दों के बारे में बात की। उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवाद पर भारत सरकार की नीति ‘कतई बर्दाश्त नहीं करने की’ है।
उन्होंने पिछली सरकारों द्वारा जम्मू और लद्दाख क्षेत्रों से भेदभाव किये जाने के बारे में बात की और कहा कि ‘‘चौकीदार’’ने यह सुनिश्चित किया कि इन क्षेत्रों को दी जाने वाली धनराशि विकास पर खर्च हो सके। शाह ने कहा, ‘‘कांग्रेस, नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी की वंशवादी सरकारें अपने-अपने विकास को लेकर ज्यादा परेशान थीं लेकिन जब से भाजपा सरकार आई तो हमने यह सुनिश्चित किया कि हर एक पैसा आम लोगों तक पहुंचे।’’
उन्होंने कहा कि भारतीय जनसंघ के नेता श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जिस स्थान पर अपने जीवन का बलिदान दिया, वह “हमारा है”। शाह ने 14 फरवरी को हुए पुलवामा हमले का जिक्र किया जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गये थे। भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘इन जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जायेगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने आतंकवाद के दोषियों के खिलाफ किसी भी दंडात्मक कार्रवाई किये जाने का अधिकार सुरक्षा बलों को दे दिया है।’’
जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा दिये जाने के खिलाफ विरोध जताने के लिए कश्मीर में प्रवेश करने पर 11 मई, 1953 को मुखर्जी को गिरफ्तार कर लिया गया था। उनकी जून, 1953 में दिल का दौरा पड़ने से हिरासत में मौत हो गई थी। असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) का जिक्र करते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी देश से एक-एक घुसपैठिये को बाहर करने के लिये कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक इसी तरह की मुहिम चलायेगी।