नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बने प्रदूषण विरोधी प्राधिकरण (ईपीसीए) ने सोमवार को कहा कि दिल्ली और उसके उपनगरों में प्रदूषित ईंधन से चलने वाले उद्योग आठ नवंबर की सुबह तक बंद रहेंगे। पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण ने दिल्ली-एनसीआर में हॉट-मिक्स प्लांट्स और स्टोन-क्रशर पर प्रतिबंध को आठ नवंबर तक बढ़ा दिया है। यह फैसला अगले आदेश तक इस क्षेत्र में निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर रोक लगाने वाले सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आया।
ईपीसीए प्रमुख भूरे लाल ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के मुख्य सचिवों को पत्र लिख कर कहा कि फरीदाबाद, गुरुग्राम, गाजियाबाद, नोएडा, बहादुरगढ़, भिवाड़ी, ग्रेटर नोएडा, सोनीपत, पानीपत के सभी कोयला और अन्य ईंधन आधारित उद्योग जो अभी प्राकृतिक गैस या जैव ईंधन पर नहीं चलते हैं आठ नवंबर की सुबह तक बंद रहेंगे। दिल्ली में जो उद्योग अभी तक प्राकृतिक गैस का प्रयोग नहीं करते हैं, इस अवधि के दौरान बंद रहेंगे। ईपीसीए ने शुक्रवार को दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में एक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया और पांच नवंबर तक निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध लगा दिया। सर्दियों में पटाखे फोड़ने पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है।
भूरे लाल ने कहा,“मौसम विभाग के अनुसार, कुछ दिनों में मौसम की स्थिति बेहतर होने की उम्मीद है। वायु गुणवत्ता में सुधार हो सकता है।” उन्होंने निर्माण कार्य, कचरा जलाने और कचरा निस्तारण करने जैसे प्रदूषण फैलाने वाले स्थानीय कारणों की तत्काल जांच करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा, “ये उपाय क्षेत्र में वायु प्रदूषण और स्थानीय प्रदूषण को कम करने में हमारी मदद करेंगे।” सोमवार को प्रदूषण के स्तर में थोडा़ सुधार होने के बाद भी यह “बहुत खराब” श्रेणी में रहा। सोमवार दोपहर को वायु गुणवत्ता सूचकांक 407 दर्ज किया गया। सोमवार की रात में यह 370 रहा। वायु की गति बढ़ने से क्षेत्र में पिछले एक सप्ताह से छाई धुंध से थोड़ी राहत मिली है।