नई दिल्ली। एयरसेल-मैक्सिस धन शोधन मामले में दिल्ली की एक अदालत में पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका का प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को विरोध किया और उनसे हिरासत में लेकर पूछताछ करने की मांग की। चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका पर अपने जवाब में प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि उनका रवैया टालमटोल वाला रहा है और वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे ऐसे में इस चरण में उन्हें अग्रिम जमानत देना जांच को काफी हद तक प्रभावित करने वाला होगा।
अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए अपने जवाब में निदेशालय ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता के आचरण से जांच एजेंसी निष्कर्ष पर पहुंची है कि हिरासत में लेकर पूछताछ किये बिना आरोपों की सच्चाई तक नहीं पहुंचा जा सकता क्योंकि याचिकाकर्ता का रुख टालमटोल वाला और असहयोगात्मक रहा है।’’
उसने कहा कि उच्चतम न्यायालय में वकालत कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता, राज्य सभा सांसद और पूर्व केंद्रीय के रूप में चिदंबरम बेहद प्रभावशाली और पहुंच वाले शख्स हैं। इसलिये इस बात की गंभीर आशंका है कि आवेदक मौजूदा मामले में गवाहों को प्रभावित या साक्ष्यों से छेड़छाड़ कर सकता है।
चिदंबरम की याचिका पर विशेष न्यायाधीश ओ पी सैनी की अदालत में बृहस्पतिवार को सुनवाई होगी। सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर एयरसेल-मैक्सिस मामले में अदालत ने आठ अक्टूबर को चिदंबरम और उनके बेटे कार्ती को राहत देते हुए गिरफ्तारी से एक नवंबर तक अंतरिम संरक्षण दिया था। चिदंबरम ने निदेशालय के मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिये इस साल 30 मई को अदालत में याचिका दायर कर संरक्षण की मांग की थी जिसमें उन्हें समय-समय पर राहत मिलती रही है