श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में मंगलवार को सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई। कश्मीर जोन पुलिस ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर यह जानकारी दी। उसने लिखा, ‘‘ श्रीनगर के नवाकदाल इलाके के कनेमजार में मुठभेड़ शुरू। जम्मू कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ के जवान जवाबी कार्रवाई कर रहे हैं। विस्तृत जानकारी का इंतजार।’’ पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर तलाश अभियान शुरू किया था,जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हुई। उन्होंने बताया कि एहतियात के तौर पर शहर में बीएसएनएल पोस्टपेड सेवा को छोड़ कर सभी मोबाइल इंटरनेट और सभी मोबाइल टेलीफोन सेवाएं बंद कर दी गई हैं।
इससे पहले डोडा जिले में रविवार को सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में हिज्बुल मुजाहिदीन का एक शीर्ष आतंकवादी मारा गया था। वह आरएसएस के एक पदाधिकारी और उनके निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) की हत्या के मामले में वांछित था। अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षाबलों ने आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद डोडा कस्बे से 26 किलोमीटर दूर गुंडाना इलाके के पोस्ता-पोत्रा गांव में एक संयुक्त तलाश अभियान चलाया। इस दौरान मुठभेड़ शुरू हो गई, जो पांच घंटे तक चली। मुठभेड़ में सेना का एक जवान भी शहीद हो गया था।
उन्होंने बताया कि मुठभेड़ के दौरान जमींदोज हुए तीन मंजिला मकान के मलबे में सुरक्षाबल तलाशी अभियान चला रहे हैं। जम्मू क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक मुकेश सिंह ने जम्मू में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने मुठभेड़ स्थल से अब तक एक आतंकवादी का शव बरामद किया है, जिसकी पहचान ताहिर अहमद भट के रूप में हुई है। वह दक्षिण कश्मीर में पुलवामा जिले के मलंगपुरा गांव का रहने वाला था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वह हिज्बुल मुजाहिदीन के नवनियुक्त सरगना सैफुल्ला का करीबी सहयोगी था और उसे चिनाब घाटी क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियों को नए सिरे से तेज करने की जिम्मेदारी दी गई थी।’’
सिंह ने उसके मारे जाने को हिज्बुल के लिए एक बड़ा झटका और सुरक्षाबलों के लिए बड़ी सफलता करार देते हुए कहा था कि मारा गया आतंकवादी उस समूह का हिस्सा था, जिसने पिछले साल अप्रैल में किश्तवाड़ जिले में आरएसएस के एक पदाधिकारी और उनके पीएसओ की गोली मारकर हत्या कर दी थी। अधिकारी ने बताया कि वह एक आईईडी बनाने में भी शामिल था, जिसका इस्तेमाल जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर पिछले साल मार्च में सीआरपीएफ के एक काफिले पर नाकाम हमले में किया गया था। सिंह ने कहा कि भट के मारे जाने से चिनाब घाटी में आतंकवाद के फिर से सिर उठाने को एक बड़ा झटका लगेगा।
डोडा जिले को एक बार फिर से आभासी तौर पर आतंकवाद से मुक्त करा लिया गया है और सुरक्षाबलों पर हमले की आतंकवादियों की योजना नाकाम कर दी गई। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि मारे गए आतंकवादी के पास से जब्त एके राइफल वही हथियार है जिसे आतंकवादी आरएसएस पदाधिकारी एवं उनके पीएसओ की हत्या के बाद लेकर भाग गए थे। मुठभेड़ के बारे में उन्होंने कहा कि गांव के एक मकान में हिज्बुल के कमांडर की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद शनिवार देर रात एक संयुक्त अभियान शुरू किया गया था।
उन्होंने बताया था कि यह गांव वाहन चलने योग्य सड़क से करीब छह घंटे की पैदल यात्रा की दूरी पर है। सुरक्षाबलों पर लक्षित मकान से सुबह करीब सात बजे गोलीबारी शुरू हुई, जिसके बाद पांच घंटे तक मुठभेड़ चली और एक आतंकी मारा गया। अधिकारियों ने बताया कि शुरूआती गोलीबारी में सेना का एक जवान गंभीर रूप से घायल हो गया और अस्पताल ले जाते समय उसकी मौत हो गई। उन्होंने बताया कि भट पिछले साल की शुरुआत में आतंकवाद में शामिल हुआ था और उसे उसके आकाओं ने सुरक्षाबलों को निशाना बनाने तथा चिनाब घाटी में कुछ बड़े हमले करने का निर्देश दिया था, ताकि लोगों के बीच असुरक्षा की भावना पैदा हो सके।
सिंह ने कहा था उसके पास सुरक्षाबलों पर सुनियोजित हमले करने की क्षमता थी। वह सुरक्षा प्रतिष्ठानों पर हमले सहित कई आपराधिक मामलों में वांछित था। इससे पहले, हिज्बुल मुजाहिदीन कमांडर हारून अब्बास 15 जनवरी को इसी इलाके में मारा गया था। इस महीने की शुरुआत में हिज्बुल के दो आतंकी कुछ हथियारों और गोला-बारूद के साथ जिले से गिरफ्तार किए गए थे। चिनाब घाटी के ये जिले करीब दशकभर पहले आतंकवाद मुक्त घोषित किए गए थे। लेकिन वहां हाल के वर्षों में आतंकवादी गतिवधियों में वृद्धि देखी गई है।