श्रीनगर. पूरे देश के लोग रोजगार पाने की चाहत में दिल्ली NCR का रुख करते हैं लेकिन अगर हम आपसे कहें कि जम्मू-कश्मीर की रोजगार दर दिल्ली से बेहतर है तो आपको हैरानी होगी, लेकिन ये हकीकत है। मुबंई बेस्ड सेंटर ऑर मॉनिटरिंग इंडियन इकनॉमी (CMIE) ने एक सर्वे के बाद ऐसी जानकारी दी है। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, J&K की बेरोजगारी दर दिल्ली, गोवा, हरियाणा और राजस्थान से भी कम है।
CMIE द्वारा करवाए गए एक सर्वे के अनुसार, साल 2020-21 की समय अवधि में हरियाणा की बेरोजगारी दर 28.1 फीसदी, गोवा के 22.1 फीसदी, राजस्थान की 19.7 फीसदी और दिल्ली की 9.4 फीसदी थी। जम्मू-कश्मीर इन सभी राज्यों में बेरोगारी दर के मामले में सबसे नीचे था। जम्मू-कश्मीर में बेरोजगारी दर महज 9 फीसदी थी। कोरोना काल में जब पूरे देश में नौकरियों की कमी हुई है, ऐसे हालातों में जम्मू-कश्मीर से नौकरियों को लेकर ऐसे आंकड़े आना राज्य के लिए सकारात्मक तस्वीर दिखाता है।
इस बीच जम्मू-कश्मीर सरकार ने राज्य में शारीरिक रूप से अक्षम लोगों के लिए 200 पदों को अधिसूचित किया है। समाज कल्याण विभाग द्वारा जारी एक आदेश के अनुसार, शारीरिक रूप से अक्षम उम्मीदवारों की श्रेणियों के साथ विभिन्न विभागों में लगभग 200 पदों पर भर्ती की जाएगी। राज्य सरकार के इस कदम से उन विकलांग लोगों के लिए रोजगार का दायरा बढ़ेगा, जो सरकारी नौकरियों में आरक्षण के हकदार हैं।