लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले से नाराज कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। राज्य शासन की ओर से कर्मचारियों को सुबह 9 बजे दफ्तर पहुंचने के फरमान से कर्मचारी नाराज हैं। अधिकारियों के इस रवैये से नाराज कर्मचारियों ने गुरुवार को सभी जिलों में सड़कों पर उतरकर विरोध जताया। कर्मचारियों ने लखनऊ सहित सभी जिलों में जिलाधिकारी कार्यालयों पर प्रदर्शन की चेतावनी दी है।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी ने बताया, "शासन ने सुबह नौ बजे पहुंचने का निर्देश मंडलीय व जिला स्तरीय अधिकारियों को दिया है, जबकि यह अधिकारी तृतीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों पर भी इसी समय पहुंचने का दबाव बना रहे हैं। सात जुलाई, 1975 को तत्कालीन मुख्य सचिव ने इस बाबत दिशा-निर्देश जारी करते हुए कर्मचारियों के आने का समय सुबह 10 बजे से तय किया था। इसके बाद इस व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं किया गया, लेकिन अब बिना किसी आदेश के समय को बदला जा रहा है।"
उन्होंने बताया, "परिषद ने इस संबंध में निर्देश जारी करने के लिए मुख्य सचिव से आग्रह किया, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिसके खिलाफ परिषद ने गुरुवार को प्रदेश के समस्त जनपदों में जिलाधिकारी कार्यालय पर एक दिवसीय धरना-प्र्दशन कर विरोध जताया और डीएम के माध्यम से ज्ञापन भी सौंपा गया। लखनऊ में जिलाधिकारी आवास के सामने बी.एन. सिंह की प्रतिमा पर धरना दिया गया। साथ ही प्रदेश के समस्त जनपदों में कर्मचारियों ने हजारों की संख्या में उपस्थित होकर विरोध दर्ज कराया।"
तिवारी ने बताया कि धरने में यह भी प्रस्ताव लाया गया कि इसके बाद भी यदि शासन ने स्थिति स्पष्ट नहीं किया तो परिषद इससे भी बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होगा, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन की होगी।