नयी दिल्ली: मुंबई में 29 सितंबर को एलफिंस्टन पुल पर हुई भगदड़ की जांच रिपोर्ट में भारी बारिश और एक फूल विक्रेता के अपने फूलों के गिरने पर फूल गिर गया की बात कहने को लोगों के पुल गिर गया समझाने के बाद मची अफरा-तफरी को इस त्रासदी की वजह बताया गया है। समिति ने साथ ही व्यस्त समय के दौरान यात्रियों को भारी-भरकम सामान ले जाने की अनुमति नहीं देने की सिफारिश भी की है। उस घटना में 23 लोगों की मौत हो गई थी। पश्चिम रेलवे के मुख्य सुरक्षा अधिकारी एस के सिंगला के नेतृत्व वाली पांच सदस्यीय जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट और सिफारिशें आज पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक अनिल कुमार को सौंपीं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वेंडर ने मराठी में कहा था फूल पडला जिसका मतलब है फूल गिर गया, लेकिन लोगों ने इसे पुल गिर गया समझा लिया। पश्चिम रेलवे के मुख्य पीआरओ रवींद्र भाकर ने रिपोर्ट को उद्धृत करते हुए मुंबई में बताया कि किसी भी गवाह ने इस दावे का समर्थन नहीं किया कि पुल पर शॉर्ट सर्किट की वजह से अव्यवस्था फैली।
समिति ने व्यस्त समय में भारी-भरकम सामान के साथ यात्रा करने पर रोक लगाने, बुकिंग कार्यालय को सर्कुलेटिंग क्षेत्र से दूसरे स्थान पर ले जाने ताकि यात्री आराम से चल सकें, सीढ़ियों को चौड़ा करने और सर्कुलेटिंग क्षेत्र में और सीसीटीवी कैमरे लगाने जैसी सिफारिशें कीं। इससे ही जुड़े एक अन्य घटनाक्रम में रेल मंत्री पीयूष गोयल ने एलफिंस्टन रोड स्टेशन पर एक अतिरिक्त फुट ओवरब्रिज बनाने के लिये निविदा जारी करने में 18 महीने के विलंब की जांच के लिये आज एक समिति गठित की।
रेल मंत्रालय के प्रवक्ता अनिल सक्सेना ने नयी दिल्ली में पीटीआई-भाषा को बताया कि पूर्व केंद्रीय सतर्कता आयुक्त प्रत्यूष सिन्हा की अध्यक्षता वाली समिति तीन महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के विनायक चटर्जी और रेलवे बोर्ड के सेवानिवृत सदस्य सुबोध जैन समिति के सदस्य होंगे। रेलवे बोर्ड में निदेशक (सुरक्षा) पंकज कुमार समिति के सदस्य सचिव होंगे।