पुणे: एक जनवरी को भीमा कोरेगांव की लड़ाई की सालगिरह से पहले, एलगार परिषद का 31 दिसंबर को एक और कार्यक्रम आयोजित करने को लेकर पुणे में एक बैठक हुई है। भीमा कोरेगांव शौर्य दिवस प्रेरणा अभियान’ के बैनर तले कार्यकर्ताओं और सेवानिवृत्त अधिकारियों ने एक राज्य-स्तरीय बैठक की।
एलगार परिषद से जुड़े हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस बीजी कोलसे पाटिल ने कहा-'हम अब गणेश कला क्रीड़ा मंच में एलगार परिषद का आयोजन कर रहे हैं। हमने पहले ही परिसर बुक कर लिया है और सम्मेलन आयोजित करने के लिए पुलिस से अनुमति लेने के लिए प्रक्रिया जारी है। हम कुछ प्रसिद्ध हस्तियों को वक्ता के रूप में आमंत्रित करने की योजना बना रहे हैं जो फासीवादी ताकतों और जातिवाद के खिलाफ लड़ रहे हैं। यदि हमें सरकार से अनुमति नहीं मिलती है तो हम हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।'
रिटायर्ड जस्टिस पाटिल ने अपनी बैठकों पर पुलिस और राज्य सरकार द्वारा नजर रखने जाने की बात कही और राज्य सरकार से यह सवाल किया कि उन्होंने महाराष्ट्र में भाजपा की हार में एक भूमिका निभाई थी।फिर आपकी सरकार ने 2014 से देवेंद्र (फड़नवीस) द्वारा मुझे दी गई सुरक्षा वापस क्यों ले ली? मेरी पब्लिक मीटिंग पर नजर क्यों रखी जाती है? ये बातें उन्होंने अपने फेसबुक पर लिखी हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर एल्गार परिषद् के आयोजन में किसी भी तरह की बाधा डाली गई तो विरोध में जेल भरो आंदोलन किया जाएगा।
भीम आर्मी प्रमुख करेंगे जयस्तंभ का दौरा
उधर, भीम आर्मी ने ऐलान किया है कि उसके प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद भीमा कोरेगांव की लड़ाई की सालगिरह के मौके पर 1 जनवरी को पुणे में 'जयस्तंभ' जाएंगे। भीम आर्मी की पुणे ईकाई के प्रमुख अभिजीत गायकवाड़ ने कहा- हम जल्द ही अपने कार्यक्रम के बारे में विस्तार से बताएंगे करेंगे। हम कोविड -19 के प्रकोप को देखते हुए सरकारी अधिकारियों के निर्देशों का पालन करेंगे।