रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने कोरबा जिले के एक गांव में दलदल में फंसी हथिनी की मौत के बाद कटघोरा वन परिक्षेत्र के प्रभारी वन मंडलाधिकारी को निलंबित किया है। इसके अलावा सरकार ने मुख्य वन संरक्षक वन मंडल (वन्यप्राणी) बिलासपुर को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने शनिवार को रायपुर में बताया कि छत्तीसगढ़ शासन के वन विभाग ने कटघोरा वन परिक्षेत्र के कुल्हरिया गांव के दलदली क्षेत्र में फंसी हथिनी की मौत की घटना को गंभीरता से लेते हुए कटघोरा वन परिक्षेत्र के प्रभारी वन मंडलाधिकारी डीडी संत को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
अधिकारियों ने बताया कि इसके साथ ही मुख्य वन संरक्षक वन मंडल (वन्यप्राणी) बिलासपुर पीके केशर (भारतीय वन सेवा) को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि संत ने कुल्हरिया गांव में कीचड़ में फंसी हथिनी को बचाने का कोई प्रयास नहीं किया जिसके कारण उसकी मौत हो गई। उन्होंने बताया कि शासन ने इसे गंभीरता से लेते हुए संत को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम-1965 के नियम-3 के उल्लंघन का दोषी माना तथा संत को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में केशर को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
केशर को जारी नोटिस में कहा गया है, ‘वन मण्डल कटघोरा के अंतर्गत कटघोरा वन परिक्षेत्र के एक गांव में 27 दिसंबर को एक हथिनी की मौत हुई है। यह हथिनी 25 दिसंबर को कुल्हरिया गांव के दलदल क्षेत्र में फंस गई थी। इस घटना का समाचार प्रसारित और प्रकाशित होने तथा स्थानीय व्यक्तियों द्वारा जानकारी दिये जाने बावजूद भी आपने मादा हाथी को दलदल से निकाले जाने के लिए प्रयास नहीं किया और न ही आपके द्वारा स्वयं घटना स्थल पर पहुंच कर उक्त हथिनी को बचाने के लिए प्रयास किया गया।’
नोटिस में कहा गया है, ‘आपके द्वारा शासकीय कार्य के प्रति उदासीनता तथा बरती गई लापरवाही अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम 1968 के नियम-3 का स्पष्ट उल्लंघन है इसलिए इस संबंध में आप कारण बताएं कि इस कृत्य के लिए क्यों न अखिल भारतीय सेवा (अनुशासन एवं अपील) नियम, 1969 के नियम-10 के अंतर्गत आपके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रारंभ की जाए।’ अधिकारियों ने बताया कि केशर को जवाब के लिए 7 दिन का समय दिया गया है। हथिनी दलदल में इस महीने की 25 तारीख को फंस गई थी। 2 दिनों बाद उसकी मौत हो गई थी। (भाषा)