ईटानगर: लोकतंत्र में एक-एक व्यक्ति का वोट काफी मायने रखता है। इस बात को बखूबी ध्यान में रखते हुए चुनावकर्मी अरुणाचल प्रदेश के एक मतदान केंद्र पर एकमात्र मतदाता तक मुश्किल भरे रास्तों से चुनाव के दिन पहुंचेंगे, ताकि वह अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सके। सोकेला तायांग नाम की एक महिला अपने बच्चों के साथ मालोगाम में रहती है, जो कि अन्जाव जिला मुख्यालय हायूलियांग से 39 किलोमीटर दूर है। यह क्षेत्र हायूलियांग विधानसभा क्षेत्र में पड़ता है।
सूत्रों के अनुसार मालोगाम में काफी कम परिवार रहते हैं और सोकेला को छोड़कर यहां के अन्य मतदाताओं के नाम अन्य मतदान केंद्रों पर पंजीकृत हैं। राज्य मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के सूत्रों ने कहा, ‘‘ 2014 के चुनाव के दौरान इस मतदान केंद्र पर दो मतदाता थे। लेकिन, कुछ कारणों से सोकेला के पति जानेलम तियांग ने अपना नाम इसी क्षेत्र के किसी अन्य मतदान केंद्र पर पंजीकृत करा लिया।’’
उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी लाइकेन कोयू ने बताया कि चुनाव कराने वाले अधिकारियों को हायूलियांग से मालोगाम मतदान केंद्र तक पैदल चलकर जाना होगा और इसमें पूरा एक दिन लगेगा। कोयू ने कहा, ‘‘ चुनाव कराने वाले अधिकारियों को सुबह सात बजे से लेकर शाम पांच बजे तक मतदान केंद्र पर रहना पड़ सकता है क्योंकि हम नहीं जानते हैं कि वह कब मतदान करने आएगी। हम किसी पर जल्दी वोट डालने का दबाव नहीं डाल सकते हैं।''
अरुणाचल प्रदेश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ में ही हो रहे हैं। राज्य में चार लाख महिलाओं समेत 7.94 लाख मतदाता 11 अप्रैल को अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने के योग्य हैं। राज्य में 11 मतदान केंद्र विशेष तौर पर महिलाओं के लिए स्थापित किए गए हैं। राज्य में 2,202 मतदान केंद्रों पर 10 से कम मतदाता हैं।