नई दिल्ली। जामा मस्जिद के शाही इमाम अहमद बुखारी ने शनिवार को एलान किया है कि देशभर में ईद का त्योहार सोमवार को मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि आज चांद न दिखने की वजह से ईद का त्योहार अब रविवार के स्थान पर सोमवार को मनाया जाएगा। शाही इमाम ने लोगों से घरों में रहकर ही नमाज अदा करने और त्योहार मनाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि लोग आपस में गले न मिलें और न हाथ मिलाएं। उन्होंने लोगों से अपील की है कि सभी लोग सरकार द्वारा कोरोना वायरस के लिए जारी दिशा-निर्देशों का पूरी तरह से पालन करें।
खालिद रशीद फिरंगी महली ने भी कहा कि लखनऊ में शनिवार को ईद का चांद नहीं दिखा, इसलिए रविवार को 30वां रोज़ा होगा और सोमवार यानी 25 मई को ईद-उल-फित्र का त्योहार मनाया जाएगा।
जामा मस्जिद के शाही इमाम सईद अहमद बुखारी ने एक वीडियो जारी कर कहा कि कहीं से भी चांद दिखने की कोई खबर नहीं है। उन्होंने कहा कि असम, कर्नाटक, हैदराबाद, आंध्र प्रदेश, मुंबई, चेन्नई में संपर्क कर चांद के बारे में जानकारी ली गई थी लेकिन कहीं से भी चांद दिखने की खबर नहीं है।
दिल्ली समेत देश के अलग-अलग हिस्सों में सोमवार को ईद मनाई जाएगी और रविवार को आखिरी रोज़ा होगा। दिल्ली की दो ऐतिहासिक मस्जिदों के शाही इमामों ने ऐलान किया कि शनिवार को कहीं से भी चांद दिखने की खबर नहीं मिली। इसलिए ईद-उल-फित्र का त्योहार सोमवार को मनाया जाएगा। फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम मौलाना मुफ्ती मुकर्रम ने बताया कि शनिवार को दिल्ली में चांद नहीं दिखा और न ही चांद दिखने की कहीं से खबर या गवाही मिली। इसलिए रविवार को 30वां रोजा होगा और शव्वाल (इस्लामी कलेंडर का 10वां महीना) की पहली तारीख सोमवार को होगी। शव्वाल के महीने के पहले दिन ईद होती है।
मुस्लिम संगठन इमारत ए शरीया ने भी ऐलान किया है कि शनिवार को चांद नहीं दिखा है और रविवार को आखिरी रोजा होगा। ईद 25 मई को मनाई जाएगी। रमज़ान के महीने में रोज़ेदार सुबह सूरज निकलने से लेकर सूरज डूबने तक कुछ नहीं खाते-पीते हैं। यह महीना ईद का चांद नजर आने के साथ खत्म होता है। हाल में मुफ्ती मुकर्रम ने लॉकडाउन के मद्देनजर एक वीडियो जारी कर मुसलमानों से ईद की नमाज़ घर में अदा करने और फित्रा (दान) अदा करने की अपील की थी।
उन्होंने कहा था कि ईद उल फित्र के मौके पर घर में सुबह ईद की तैयारी करें और कुछ मीठी चीज खाएं। चार रकात नमाज़-नफील चाश्त (विशेष नमाज़) अदा कर लें। इसके बाद अल्लाह से दुआ करें। शाही इमाम ने कहा था कि इसी तरह से ईद उल फित्र पर सदा ए फित्र (दान) अदा किया जाता है।