लखनऊ. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत देश में कहीं पर भी मंगलवार को ईद उल अज़हा का चांद नज़र नहीं आया, इसलिए अब ईद इल अजहा 1 अगस्त को मनाया जाएगा। लखनऊ स्थित मरकजी चांद कमेंटी फरंगी महल के सदर और काजी-ए-शहर मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने इसका ऐलान किया। मरकजी चांद कमेटी द्वारा जारी बयान में कहा गया कि 21 जुलाई को जिलहिज्ज का चांद नहीं हुआ है। इसलिए जिलिज्ज की पहली तारीख 23 जुलाई 2020 को होगी। इस प्रकार बकरीद 1 अगस्त 2020 को मनाई होगी।
दिल्ली की फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम मौलाना मुफ्ती मुकर्रम ने ''भाषा ''से कहा, ''दिल्ली समेत भारत में कहीं भी चांद नजर नहीं आया है। बकरीद एक अगस्त, ब-रोज़ शनिवार को मनाई जाएगी।'' उन्होंने कहा, ''दिल्ली में आसमान साफ नहीं था, लेकिन तमिलनाडु और मध्य प्रदेश में जहां आसमान साफ था, वहां से भी चांद नहीं दिखा है।''
वहीं इमारत ए शरिया हिंद ने भी ऐलान किया कि ईद उल अज़हा या ज़ुहा का त्यौहार एक अगस्त को मनाया जाएगा। इमारत ए शरिया हिंद की रूयत ए हिलाल समिति के सचिव मुईजुद्दीन अहमद ने एक बयान में कहा, ''दिल्ली में चांद नहीं दिखा है न ही देश के किसी हिस्से से चांद नजर आने की कोई खबर है।''
अहमद ने कहा, ''इस्लामी कलैंडर के 12वें महीने ज़िल हिज्जा की पहली तारीख 23 जुलाई को होगी और ईद उल अज़हा एक अगस्त को मनाई जाएगी।''
बकरीद का त्यौहार चांद दिखने के 10वें दिन मनाया जाता है। इस बीच मुफ्ती मुकर्रम ने कहा, ''मुस्लिम समुदाय के जिन लोगों के पास करीब 612 ग्राम चांदी है या इसके बराबर के पैसे हैं, उन पर कुर्बानी वाजिब है।''
मौलाना मुकर्रम ने कहा, ''यह जरूरी नहीं है कि कुर्बानी अपने घर या शहर में ही की जाए। जहां लॉकडाउन लगा है, वहां के लोग अन्य स्थानों पर रहने वाले अपने परिचितों या रिश्तेदारों को कुर्बानी करने के लिए पैसे भेज सकते हैं।''