नई दिल्ली: एक संयुक्त अभियान के तहत आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम के सहयोगियों के चेन्नई और तिरचिरापल्ली स्थित दो समूहों के परिसरों पर आज छापे मारे। पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने सरकार पर अपने परिवार पर दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई करने का आरोप लगाया।
सीबीडीटी द्वारा दिल्ली में देर रात जारी एक बयान में कहा गया कि इस कार्रवाई के पीछे कोई दूसरा उद्देश्य नहीं है। सीबीडीटी ने कहा कि छापेमारी की यह कार्रवाई कर अपवंचन और वित्तीय अनियमितताओं की विश्वसनीय सूचनाओं पर आधारित थी।
सीबीडीटी ने कहा कि जांच में कुछ आपत्तिजनक साक्ष्य मिले हैं जिनसे कर चोरी और वित्तीय अनियमितताओं का संकेत मिलता है। सीबीडीटी ने यह भी कहा कि जिन कंपनियों के ठिकानों की आज तलाशी ली गई उनमें कोई राजनैतिक व्यक्ति या उसके परिवार का सदस्य शेयरधारक या निदेशक नहीं है।
केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की विज्ञप्ति में उन कंपनियों की पहचान का खुलासा नहीं किया गया है जिनकी तलाशी ली गई है, पर सूत्रों ने बताया कि इन दो शहरों में पांच परिसरों में तलाशी ली गई जिसमें एक निजी आई केयर श्रृंखला भी शामिल है।
उन्होंने कहा कि जहां आयकर विभाग ने इन फर्मों पर कर चोरी के संदेह के आरोपों पर कार्रवाई की, ईडी ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून (फेमा) के प्रावधानों के तहत अपनी जांच के संबंध में तलाशी की कार्रवाई की।
छापेमारी की कार्रवाई की खबरें आने के तुरंत बाद पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने सरकार पर अपने परिवार के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई का आरोप लगाया और कहा कि यदि सरकार उन्हें निशाने पर लेना चाहती है तो उसे सीधे वार करना चाहिए न कि कार्ति के सहयोगियों को उत्पीडि़त करना चाहिए।
चिदंबरम ने कहा, ‘मेरा परिवार और मैं सरकार के इस दुर्भावनापूर्ण हमले का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।’