नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने आज तबलीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद के करीबियों से हवाला और फॉरेन फंडिंग को लेकर पूछताछ की। इस दौरान मुहम्मद साद के कुछ करीबी सहयोगियों ने प्रवर्तन निदेशालय के सामने अपने बयान दर्ज कराए हैं। दरअसल प्रवर्तन निदेशालय यह समझना चाहता है कि मरकज कैसे ऑपरेट हो रहा था। मौलाना साद से पूछताछ से पहले ईडी मरकज की पूरी फंडिंग की व्यस्था को समझने की कोशिश में है। फंड को संभालने की जिम्मेदारी किसकी है। कहां से और कैसे डोनेशन के तौर पर पैसा आया।
मौलाना साद से जुड़े दो लोगों से 21 अप्रैल को पूछताछ की गई जबकि तीन अन्य लोगों से 22 अप्रैल को पूछताछ हुई। ईडी को यह पता चला है कि मरकज के लिए मुख्य रूप से पैसा इंडोनेशिया और मध्य पूर्व से आया। कुल 2041 विदेशी मरकज के मुख्यालय में आए। सभी विदेशियों को पहले ही आने के निर्देश दिये गए थे। जांच में पता चला कि विदेशियों ने विदेशी मुद्रा में डोनेशन दिया और फिर हवाला चैनल के जरिये डोनेशन का एक हिस्सा निजामुद्दीन स्थित बैंक तक पहुंचा।
जानकारी के मुताबिक कैश जमा में अचानक बढोतरी होने पर बैंक ने मरकज को अलर्ट भी किया। इसके बाद पैसे को 11 बैंक खातों में ट्रांसफर किया गया जो कि साद की करीबी और रिश्तेदारों द्वारा संचालित होते हैं। जांच में यह भी पता चला कि 2041 में से 849 विदेशी देश के विभिन्न हिस्सों में गए और मरकज के लिए धन जुटाने का काम किया।