नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय ने विशेष पीएमएलए अदालत में बुधवार को पीएनबी घोटाले के आरोपी नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के खिलाफ भगोड़ा आर्थिक अपराधी अध्यादेश, 2018 के तहत दो अलग-अलग आवेदन दाखिल किया है। प्रवर्तन निदेशालय ने भारत, ब्रिटेन और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में उनकी संपत्ति जब्त करने का आदेश भी मांगा है।
प्रवर्तन निदेशालय ने हाल में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत इसी तरह का आवेदन उद्योगपति विजय माल्या के खिलाफ दिया था जिसपर भारतीय बैंकों का 9000 करोड़ का लोन बकाया है। कोर्ट ने हाल ही में नए अध्यादेश के तहत सम्मन जारी कर माल्या को 27 अगस्त को पेश होने को कहा है।
एजेंसी ने दो अरब डॉलर के पीएनबी धोखाधड़ी मामले में उनकी 3500 करोड़ रुपये की संपत्ति भी जब्त करने की मांग की है। अधिकारियों ने बताया कि दोनों के खिलाफ हाल में लागू किए गए भगोड़ा आर्थिक अपराध अध्यादेश के तहत दो अलग - अलग आवेदन अदालत में दिए गए हैं। यह अदालत धनशोधन निरोधक कानून के तहत मामलों की सुनवाई करती है।
नये आवेदन में नीरव मोदी और चोकसी तथा उनकी कंपनियों की करीब 3500 करोड़ रुपये की संपत्ति को तुरंत जब्त करने की मांग की गई। एजेंसी उनकी चल - अचल संपति को जब्त करना चाहती है जिसमें ब्रिटेन और संयुक्त अरब अमीरात की संपत्ति भी शामिल है। एजेंसी की तरफ से दायर दो पीएमएलए आरोप पत्रों के आधार पर यह कार्रवाई की गई है।
एजेंसी ने अपने आवेदन में कहा कि जांच से पता चलता है कि नीरव मोदी और मेहुल चोकसी ने कुछ बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से ठगी का अपराध किया है और इससे बैंकों को काफी नुकसान हुआ है।
नी रव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी के खिलाफ ईडी और सीबीआई जांच कर रही है। दोनों ने पंजाब नेशनल बैंक के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से बैंक को 13400 करोड़ रुपये से अधिक का चूना लगाया था जिसका पता चलने के बाद उनके खिलाफ जांच चल रही है।