नयी दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को कहा कि उसने तेदेपा सांसद वाई एस चौधरी से जुड़ी एक कंपनी की 315 करोड़ रुपये की संपत्ति धन शोधन एवं कथित बैंक धोखाधड़ी मामले में जब्त कर ली है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बताया कि धन शोधन रोकथाम अधिनियम के तहत बैंक धोखाधड़ी मामले में वायसराय होटल्स लिमिटेड, हैदराबाद की संपत्ति जब्त करने के लिए एक अस्थायी आदेश जारी कर दिया गया है।
ईडी ने यह केस केंद्रीय जांच ब्यूरो की उस प्राथमिकी के आधार पर दर्ज किया है जिसमें बेस्ट एंड क्रांम्पटन इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड (बीसीईपीएल) और उनके अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। इन लोगों ने 2010 से 2013 के बीच सेंट्रल बैंक आफ इंडिया, आंध्रा बैंक और कारपोरेशन बैंक के साथ आपराधिक साजिश रच कर धोखाधड़ी की थी।
जांच एजेंसी ने बताया कि इसमें बैंकों को कुल 364 करोड़ रुपये की हानि हुई थी। ईडी ने कहा है कि बीसीईपीएल सुजान ग्रुप ऑफ कंपनीज का हिस्सा थी। राज्यसभा सदस्य चौधरी तेदेपा प्रमुख और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्र बाबू नायडू के करीबी हैं और एजेंसी का आरोप है कि वह सुजाना ग्रुप ऑफ कंपनीज के प्रमोटर हैं।
आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य के दर्जे के मुद्दे पर केंद्र की नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार से नायडू के हटने से पहले चौधरी केंद्रीय राज्य मंत्री थे । ईडी ने बयान में कहा, ‘‘कई फर्जी कंपनी बनायी गयी और फर्जी बिलों के जरिये कंपनियों को धन बांटे गए और लोन का एक हिस्सा महल होटल्स को भेजा गया, यह भी एक फर्जी कंपनी थी जिसे सुजाना ग्रुप ने बनाया था।’’
जांच एजेंसी ने कहा, ‘‘अंतत: परोक्ष लेन-देन के बाद वायसराय होटल्स लिमिटेड और महल होटल्स प्राइवेट लिमिटेड के बीच व्यापारिक लेनदेन समझौते की आड़ में रकम का भुगतान वायसराय होटल्स लिमिटेड को किया गया।’’ उन्होंने बताया कि वायसराय होटल्स ने महल होटल्स के प्रति 315 करोड़ रुपये की अपनी देनदारी स्वीकार की है और इसलिए इस राशि के लिए वायसराय होटल्स लिमिटेड की संपत्तियों को अस्थायी रूप से जब्त कर लिया गया है।