नई दिल्ली. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अवंता समूह के प्रवर्तक गौतम थापर को धन शोधन के एक मामले में गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि थापर के खिलाफ और दिल्ली एवं मुंबई में उनसे संबंधित कारोबारों के खिलाफ छापेमारी की कार्रवाई के बाद एजेंसी ने उन्हें मंगलवार रात धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया।
उन्होंने बताया कि बुधवार को थापर को अदालत में पेश किया जा सकता है जहां ईडी उनकी हिरासत की मांग करेगी। ईडी उनकी कंपनी अवंता रियल्टी, यस बैंक के सह-संस्थापक राणा कपूर और उनकी पत्नी के बीच कथित लेन-देन की जांच कर रही है। कपूर और उनकी पत्नी के खिलाफ एजेंसी पहले से ही पीएमएलए के तहत जांच कर रही है। ईडी ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज एक प्राथमिकी का संज्ञान लेते हुए धन शोधन का मामला दर्ज किया है।
ईडी ने इससे पूर्व कहा था, ‘‘(सीबीआई की) प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि यस बैंक लिमिटेड के तत्कालीन एमडी और सीईओ राणा कपूर को अवंता रियलिटी लिमिटेड को कर्ज आवंटित करने, अवंता समूह की कंपनियों को पहले से प्रदान की गई कर्ज सुविधाओं में रियायतें और छूट देने के लिए तथा यस बैंक लिमिटेड द्वारा उन्हें नए और अतिरिक्त ऋण देने के ऐवज में दिल्ली में एक प्रमुख स्थान पर स्थित अवंता रियलिटी लिमिटेड से संबंधित संपत्ति बाजार मूल्य से काफी कम दर पर अवैध लाभ के रूप में मिली थी।’’
सीबीआई ने पिछले साल कपूर और उनकी पत्नी बिंदू के खिलाफ कथित रूप से 307 करोड़ रुपये की रिश्वत के रूप में एक रियल्टी फर्म से दिल्ली के एक इलाके में बाजार मूल्य से आधी दर पर एक बंगला खरीदने और बदले में लगभग 1,900 करोड़ रुपये के बैंक ऋण की सुविधा देने के आरोप में मामला दर्ज किया था। सीबीआई को संदेह था कि यस बैंक से गौतम थापर-प्रवर्तित अवंता रियल्टी और समूह की कंपनियों को ऋण में दी गई 1,900 करोड़ रुपये से अधिक की गैर-वसूली के ऐवज में कपूर को दिल्ली में अमृता शेरगिल मार्ग पर 1.2 एकड़ का बंगला कंपनी ब्लिस एबोड प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से बतौर लाभ दिया गया था।