नई दिल्ली; बुधवार शाम उत्तर भारत में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में था। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.5 मापी गई है। अभी तक जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। जानकारी के मुताबिक भूकंप के झटके उत्तराखंड के नैनीताल, उधमसिंह नगर, चंपावत, देहरादून, पिथौरागढ़ और बागेश्वर में महसूस किए गए। यूपी के कई शहरों और राजधानी दिल्ली के आसपास भी लोगों ने भूकंप के झटके को महसूस किया।
उत्तराखंड में भूकंप के झटके, दहशत में लोग घरों से बाहर की ओर दौड़े
दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटके महसूस होते ही लोगों में अफरा-तफरी मच गई और लोग घरों से बाहर निकल गए। हालांकि जानमाल के किसी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं है। वहीं हिमाचल प्रदेश के कल्लू-मनाली और शिमला में भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए।
उत्तराखंड के ज्यादातर हिस्सों में आज रात भूकंप के तेज झटके महसूस किये गये जिससे घबराकर लोग घरों से बाहर खुले स्थानों की ओर दौड़ पडे़। मौसम केंद्र के अनुसार, रात आठ बजकर 50 मिनट पर आये रिक्टर पैमाने पर 5.5 तीव्रता के मापे गये इस भूकंप का केंद्र प्रदेश के रूद्रप्रयाग जिले में धरती से 30 किलोमीटर नीचे आंका गया है।
वर्ष 1991 में उत्तरकाशी और वर्ष 1999 में चमोली में आये विनाशकारी भूकंप की तबाही झेल चुके लोग इन तेज झटकों से एक बार फिर दहशतजदा हो गये और बाहर की ओर दौड़ पडे़। राजधानी देहरादून में भी भूकंप से दहशत में आये लोग घरों से बाहर निकल आये। रूद्रप्रयाग से सटे पर्वतीय चमोली जिले के गैरसैंण में कल से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र के लिए वहां मौजूद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को भी भूकंप के झटके महसूस हुए। उन्होंने बताया कि उनके मेज पर पडा पानी का गिलास तेजी से हिलने लगा।
गैरसैंण के निकट गौचर में रात्रि विश्राम के लिये रूके पुलिस महानिदेशक रतूडी ने बताया कि भूकंप के झटके इतने तीव्र थे कि वह खुद कमरे से बाहर निकल कर सुरक्षित स्थान पर आ गये। भूकंप का केंद्र माने जा रहे रूद्रप्रयाग जिले के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि झटके तेज होने की वजह से लोग घबराहट के मारे बाहर निकल आये। हालांकि, उन्होंने कहा कि जिले में सब सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि हर स्थान से जानकारी ले ली गयी है और कहीं से किसी नुकसान की खबर नहीं है।