नयी दिल्ली: पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि पीओके (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) भारत का एक हिस्सा है और हमें उम्मीद है कि एक दिन हम इस पर भौतिक अधिकार हासिल करेंगे। उन्होने कहा कि भारत ‘पड़ोस प्रथम’ की नीति को आगे बढ़ा रहा है लेकिन उसके समक्ष एक पड़ोसी की ‘अलग तरह की चुनौती’ है जिसे सामान्य व्यवहार करने और सीमापार आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने की जरूरत है। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में विदेश मंत्री के तौर पर कार्यभार संभालने के बाद अपने पहले संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए जयशंकर ने अपने मंत्रालय के कामकाज के 100 दिनों की उपलब्धियां भी गिनायीं।
उन्होंने कहा कि इस अवधि में सरकार की महत्वपूर्ण उपलब्धियां राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति के लक्ष्यों के बीच मजबूत संबंध स्थापित करने की है। विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘भारत की आवाज अब वैश्विक मंच पर कहीं अधिक सुनी जा रही, चाहे वह जी 20 हो या जलवायु सम्मेलन हो।’’ उन्होंने कहा कि सरकार के पहले 100 दिनों के कार्यकाल में ‘पड़ोस प्रथम’को मजबूती से आगे बढ़ाया गया और खास तौर पर सम्पर्क एवं वाणिज्य पर जोर दिया गया।
प्रधानमंत्री ने पड़ोस में मालदीव, श्रीलंका, भूटान जैसे देशों की यात्रा की। विदेश मंत्री ने कहा कि वह स्वयं भूटान, बांग्लादेश, मालदीव गए। इन यात्राओं के दौरान परियोजनाओं पर ध्यान देने के साथ ही कारोबारी संबंध तथा लोगों के बीच संबंधों पर खास जोर दिया गया। पाकिस्तान का नाम लिये बिना उन्होंने कहा, ‘‘हमें एक पड़ोसी से अलग तरह की चुनौती है, उसके एक सामान्य पड़ोसी बनने और आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने तक यह बनी रहेगी। ’’ जयशंकर ने यह भी कहा कि सीमा पार से होने वाले आतंकवाद, अनुच्छेद 370 को हटाये जाने जैसे मुद्दे पर भारत के पक्ष से वैश्विक जगत को अवगत कराया गया।