श्रीनगर: जामिया मस्जिद के बाहर सुरक्षा में तैनात DSP मोहम्मद अयूब पंडित को शुक्रवार को भीड़ द्वारा पीट-पीटकर मार डाला गया। इस दर्दनाक घटना के बाद अब कई चौंकाने वाली बातें सामने आ रही हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिस समय उन्मादी भीड़ जामिया मस्जिद के बाहर अयूब पंडित को बुरी तरह मार रही थी, उस समय मीरवाइज उमर फारूक मस्जिद के अंदर ही मौजूद था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिस वक्त डीएसपी मोहम्मद अयूब की ज़िंदगी का आख़िरी हिसाब किया जा रहा था, उस वक्त उमर फारूख जामिया मस्जिद के भीतर वाइज़ बनकर प्रवचन यानी ख़ुतबा दे रहा था। ये जामिया मस्ज़िद मीरवाइज़ के असर वाला इलाक़ा है और यहां उसके समर्थक आते रहते हैं।
रंगे सियार जैसी है मीरवाइज उमर फारूख की शख्सियत
आतंक की मुखालफत करने वाला मीरवाइज़ दरअसल रंगे सियार के मानिंद है। ये ख़ुद अंग्रेज़ीदां है, अंग्रेज़ी बोलने वाला सॉफिस्टिकेटेड कश्मीरी है। यह ख़ुद तो शाही ज़िंदगी जीता है लेकिन अपने कश्मीरी बेरोज़गार शागिर्दों से पांच-पांच सौ रूपये में पत्थरबाज़ी करवाता है। पत्थरबाज़ मीरवाइज़ के मोहरे हैं और मीरवाइज़ पाकिस्तान का मोहरा है। चैंपियन्स ट्रॉफ़ी के फ़ाइनल में पाकिस्तान ने हाथों टीम इंडिया की हार पर मीरवाइज़ ने ट्विटर पर लिखा था, ‘हर तरफ़ आतिशबाज़ी हो रही है, ऐसा लगता है जैसे ईद पहले आ गई ...बेहतर टीम ने मैच जीता ... पाकिस्तान टीम को बधाई।’क्या कहती है भारतीय खुफिया इनपुट
भारतीय खुफिया इनपुट भी यही है कि मीरवाइज़ अलगाववादी नहीं बल्कि अलगाववाद के नाम पर आतंक का मुनीम है। ये वाइज़ नहीं, अलगाववाद के भेष में हिंदुस्तान में रहने वाला बहरुपिया है। मीरवाइज़ और इसकी अलगावादियों की हुर्रियत जमात ने ही श्रीनगर के डाउन टाउन और दक्षिण कश्मीर को पाकिस्तान के पैसों पर आतंक का गढ़ बना दिया है। यही लोग बेरोज़गार कश्मीरी नौजवानों को पैसों की लालच में पत्थरबाज़ बनाते हैं और हिंदुस्तान और फ़ौज के ख़िलाफ़ भड़काते हैं।