नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के सांबा और हीरा नगर में गुरुवार देर रात फिर से ड्रोन दिखाई दिए हैं। संदिग्ध ड्रोन पर सुरक्षा बलों ने कई राउंड फायरिंग की। ड्रोन दिखने के बाद सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर है और सर्च ऑपरेशन जारी है। बता दें कि, पिछले कुछ दिनों से पाकिस्तान से लगी सीमा पर ड्रोन की लगातार मूवमेंट देखने को मिल रही है।
सेना ने जम्मू में एलओसी के पास पाकिस्तानी ड्रोन पर गोलियां चलायी
सेना ने यहां नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास भारतीय क्षेत्र में घुसने की कोशिश कर रहे एक पाकिस्तानी क्वाडकॉप्टर (ड्रोन) पर गोलीबारी की। आधिकारिक सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सेना के चौकस जवानों ने बुधवार रात करीब नौ बजे पल्लनवाका सेक्टर में इसे देखा। सूत्रों ने कहा कि जब सैनिकों ने क्वाडकॉप्टर को नीचे गिराने के लिए गोलियां चलाईं तो वह पाकिस्तान की ओर लौट गया।
सूत्रों ने कहा कि इसे मूल रूप से क्षेत्र की टोह लेने के लिए भेजा गया था। उन्होंने कहा कि जम्मू वायु सेना स्टेशन के पास टिमटिमाती सफेद रोशनी का पता चला। हालांकि, वायुसेना ने किसी ड्रोन के दिखने की पुष्टि नहीं की है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बुधवार को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने जम्मू-कश्मीर के अर्निया सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास एक उड़ने वाली वस्तु को देखा और उस पर गोलियां चला दीं।
बता दें कि, दो जुलाई को पाकिस्तान की ओर से एक ड्रोन ने अर्निया सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा से भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करने की कोशिश की, लेकिन बीएसएफ के जवानों द्वारा गोली चलाए जाने के बाद वह पीछे लौट गया। पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों ने 27 जून को तड़के जम्मू शहर में भारतीय वायुसेना स्टेशन पर ड्रोन के जरिए दो बम गिराए थे जिससे दो कर्मियों को मामूली चोटें आयी थीं।
दिल्ली: ड्रोन कैमरा व टॉय एयरक्रॉफ्ट उड़ाने पर रोक, हवाई क्षेत्रों में धारा 144 लागू
दिल्ली में 15 अगस्त की तैयारियों के चलते सुरक्षा कारणों से ड्रोन कैमरे, पैराग्लाइडर व टॉय एयरक्राफ्ट के उड़ाने पर रोक लगा दी गई है। इसको लेकर दिल्ली पुलिस कमिश्नर बालाजी श्रीवास्तव ने गुरुवार को एक आदेश पर जारी किया है। आदेश का उल्लंघन करने पर कार्रवाई की जाएगी। पुलिस के अनुसार, 15 अगस्त के मौके पर ड्रोन या अन्य दूसरी हवाई चीज से आतंकी हमला करने को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। दिल्ली पुलिस कमिश्नर की तरफ से गुरुवार को आदेश जारी कर हवाई क्षेत्र में भी धारा 144 लागू कर दी गई। यह आदेश फिलहाल 16 जुलाई से अगले महीने 16 अगस्त तक जारी रहेगा। इस आदेश के तहत आसमान में किसी भी तरह का मानव रहित प्लेन, ड्रोन, पैराग्लाइडर, हैंड ग्लाइडर, माइक्रो लाइट एयरक्राफ, यूएवी, सूएएस आदि के उड़ाने पर पाबंदी रहेगी। पुलिस की टीम इस पर नजर रखेगी। जो भी इसका उल्लंघन करते हुए पाया जाएगा, उस पर पुलिस की तरफ से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
भारत में ड्रोन का आसानी से इस्तेमाल सुनिश्चित करने के लिए मसौदा नियम जारी
नागर विमानन मंत्रालय ने ‘‘विश्वास, स्वप्रमाणन एवं बिना किसी हस्तक्षेप के निगरानी’’ के आधार पर भारत में ड्रोन का आसानी से इस्तेमाल सुनिश्चित करने के लिए मसौदा नियम जारी किए हैं। एक आधिकारिक बयान में बृहस्पतिवार को कहा गया कि देश में ड्रोन संचालित करने के लिए भरे जाने वाले प्रपत्रों की संख्या को मानव रहित विमान प्रणाली (यूएएस) नियम, 2021 में वर्णित 25 प्रपत्रों की तुलना में 'ड्रोन नियम, 2021' के मसौदे में घटाकर छह कर दिया गया है। यूएएस नियम, 2021 इस साल 12 मार्च को लागू हुआ था। अधिसूचित होने के बाद ड्रोन नियम, 2021, यूएएस नियम, 2021 का स्थान लेगा।
बयान में कहा गया है कि मसौदा नियमों में शुल्क को नाममात्र कर दिया गया है और अब इसका ड्रोन के आकार से कोई संबंध नहीं होगा। बयान में कहा गया है कि मसौदा नियमों ने विभिन्न स्वीकृतियों की आवश्यकता को भी समाप्त कर दिया है, जिनमें अनुरूपता का प्रमाण पत्र, रखरखाव का प्रमाण पत्र, आयात मंजूरी, मौजूदा ड्रोन की स्वीकृति, ऑपरेटर परमिट, अनुसंधान एवं विकास संगठन का प्राधिकार और छात्र दूरस्थ पायलट लाइसेंस शामिल हैं। नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि मसौदे के नियम यूएएस नियम, 2021 से ‘‘पूर्ण बदलाव’’ को चिह्नित करते हैं।
सिंधिया ने ट्वीट किया, ‘‘ड्रोन कम लागत, कम संसाधनों और संचालन में लगने वाले कम समय के साथ दुनिया भर में अगली बड़ी तकनीकी क्रांति ला रहे हैं। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम इस नयी लहर के साथ चलें और विशेष रूप से हमारे स्टार्टअप के बीच इसका इस्तेमाल बढ़ाने में मदद करें।’’ मसौदा नियमों में कहा गया है कि ग्रीन जोन में 400 फुट तक और हवाई अड्डे की परिधि से आठ से 12 किमी के बीच के क्षेत्र में 200 फुट तक उड़ान के लिए अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी। मसौदा नियमों में ड्रोन के स्थानांतरण और पंजीकरण खत्म करने की आसान प्रक्रिया भी तय की गई है।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘मसौदा नियम विश्वास, स्व-प्रमाणन और बिना दखल के निगरानी के आधार पर बनाए गए हैं।’’ मसौदा नियमों में कहा गया है कि माइक्रो ड्रोन (गैर-व्यावसायिक उपयोग के लिए), नैनो ड्रोन और आरएंडडी (अनुसंधान और विकास) संगठनों के लिए किसी पायलट लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होगी। मसौदा नियमों के अनुसार, माल पहुंचाने के लिए ड्रोन गलियारे विकसित किए जाएंगे और देश में ड्रोन के अनुकूल नियामक व्यवस्था की सुविधा के लिए एक परिषद की स्थापना की जाएगी। लोग इन मसौदा नियमों पर अपने टिप्पणियां पांच अगस्त तक जमा करा सकते हैं।
मसौदा नियमों में यह भी कहा गया है कि भारत में पंजीकृत विदेशी स्वामित्व वाली कंपनियों के ड्रोन संचालन पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। निर्माता अपने ड्रोनों की विशिष्ट पहचान संख्या को डिजिटल स्काई प्लेटफार्म पर दे सकते हैं, जो स्व-प्रमाणन के जरिये होगा। उद्योग के संगठन ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीएफआई) ने एक बयान में कहा कि यह देखना उत्साहजनक है कि देश की सुरक्षा और सुरक्षा चिंताओं को संबोधित करते हुए ड्रोन तकनीक से होने वाले आर्थिक लाभों की समझ के साथ संतुलित दृष्टिकोण के साथ नियम बनाए गए हैं।
डीएफआई के सदस्य के रूप में एस्ट्रीया एयरोस्पेस, क्वीडिक इनोवेशन लैब्स, ऑटोमाइक्रोयूएएस, अरव अनमैन्ड सिस्ट्म्स और इनड्रोंस जैसी कंपनियां हैं। डीएफआई के निदेशक स्मित शाह ने कहा, ‘‘जम्मू में ड्रोन से जुड़ी हालिया घटनाओं के बाद भी ड्रोन नीति को उदार बनाने का नागरिक उड्डयन मंत्रालय का निर्णय ड्रोन के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सरकार के साहसिक दृष्टिकोण को प्रदर्शित करता है। शरारतपूर्ण उद्देश्य से संचालित ड्रोन द्वारा उत्पन्न खतरे को दूर करने के लिए ड्रोन रोधी तकनीक के विकास पर ध्यान केंद्रित करता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम ड्रोन उद्योग को उदार बनाने की मंत्रालय की पहल की सराहना करते हैं और भारत को वैश्विक ड्रोन हब बनाने की दिशा में अपना समर्थन देना जारी रखेंगे।’’