अहमदनगर (महाराष्ट्र): रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने महाराष्ट्र के अहमदनगर में लेजर गाइडेड एंटी टैंक मिसाइल (ATGM) का सफल परीक्षण किया। यह परीक्षण अहमदनगर की केके रेंज्स में MBT अर्जुन टैंक से 22 सितंबर को किया गया।
लेजर गाइडेड एंटी टैंक मिसाइल ने परीक्षण में तीन किलोमीटर की दूरी से अपने लक्ष्य की ध्वस्त कर दिया। यह मिसाइल लेजर डेजिग्नेशन की मदद से अपने लक्ष्य को लॉक और ट्रैक करती है। इससे यह मिसाइल अपने लक्ष्य को सटीक रूप से भेदने को सुनिश्चित करती है।
यह मल्टी-प्लेटफ़ॉर्म से लॉन्च किए जाने की क्षमता के साथ विकसित किया गया है और वर्तमान में MBT अर्जुन की बंदूक से तकनीकी मूल्यांकन परीक्षणों से गुजरा जा रहा है। 22 सितंबर को किए गए परीक्षण में लेजर गाइडेड एंटी टैंक मिसाइल ने अपने लक्ष्य को पूरी सटीकता से भेदा।
इस मिसाइल को आयुध अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (ARDE), पुणे ने उच्च ऊर्जा सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला (HEMRL) पुणे और उपकरण अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान, देहरादून के साथ मिलकर बनाया है। इसकी टेस्टिंग की सफलता के मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ को बधाई दी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर कहा कि MBT अर्जुन से लेजर गाइडेड एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल के सफलतापूर्वक परीक्षण के लिए DRDO को बधाई। उन्होंने कहा कि देश को DRDO पर गर्व है, जो निकट भविष्य में आयात निर्भरता को कम करने के लिए काम कर रहा है।
गौरतलब हो कि हाल ही में भारत ने हाइपरसोनिक मिसाइल तकनीक का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था, जो हवा में आवाज की गति से छह गुना तेज गति से दूरी तय करने में सक्षम है। इसके साथ ही अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत चौथा ऐसा देश बना है, जिसने खुद की हाइपरसोनिक तकनीक विकसित की है।
डीआरडीओ ने ओडिशा तट के पास डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम कॉम्पलेक्स से मानव रहित स्क्रैमजेट हाइपरसोनिक स्पीड फ्लाइट का सफल परीक्षण किया था। हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल प्रणाली के विकास को आगे बढ़ाने के लिए यह परीक्षण एक बड़ा कदम था।