नई दिल्ली: रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने आज देश की सुरक्षा को लेकर एक और बड़ी सफलता हासिल की है। DRDO ने भारतीय सेना के लिए सतह से हवा में मध्यम दूरी की वायु मिसाइल प्रणाली का परीक्षण किया है। यह परीक्षण ऐसे समय में किया गया है जब लद्दाख में चीन के साथ तनाव जारी है। भारत अपनी रक्षा क्षमता को बढ़ाने को लेकर लगातार काम कर रहा है।
भारत की पहली 'हाइपरसोनिक विंड टनल' परीक्षण सुविधा का उद्घाटन
इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को भारत की पहली उन्नत 'हाइपरसोनिक विंड टनल' (एचडब्ल्यूटी) परीक्षण सुविधा का उद्घाटन किया था। अमेरिका और रूस के बाद भारत ऐसी परीक्षण सुविधा की शुरुआत करने वाला दुनिया का तीसरा देश बन गया है। रक्षा मंत्रालय की विज्ञप्ति के मुताबिक, एचडब्ल्यूटी परीक्षण सुविधा को स्वदेश में ही विकसित किया गया है और आकार एवं संचालन क्षमता के अनुसार भारत ऐसी सुविधा वाला तीसरा देश बन गया है।
इसके मुताबिक, ''एचडब्ल्यूटी में व्यापक स्पेक्ट्रम पर हाइपरसोनिक प्रवाह को अनुकरण करने की क्षमता है और यह भविष्य में एयरोस्पेस एवं रक्षा प्रणाली के क्षेत्र में अहम भूमिका अदा करेगी।'' विज्ञप्ति के मुताबिक, हैदराबाद में अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान शनिवार को रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग (डीआरडीओ) के डॉ अब्दुल कलाम मिसाइल परिसर आए रक्षा मंत्री ने डीआरडीओ के वैज्ञानिकों से भारत को ''सुपर सैन्य शक्ति'' बनाने का आह्वान भी किया। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी और डीआरडीओ के अध्यक्ष जी सतीश रेड्डी भी इस दौरान सिंह के साथ थे।