Sunday, December 22, 2024
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VIDEO: DRDO ने होवित्जर तोप का सफल परीक्षण किया, दुनिया में सिर्फ भारत के पास है ये हथियार

डीआरडीओ वैज्ञैनिकों का कहना है कि यह दुनिया की सबसे अच्छी तोप है। इससे भारतीय सेना को और ज्यादा ताकत मिली है। यह तोप भारतीय सेना की 1800 आर्टिलरी गन सिस्टम की जरूरत को पूरा करने में सक्षम है।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : December 19, 2020 17:03 IST
DRDO developed indigenous howitzer advanced towed artillery gun system test firing balasore firing r
Image Source : ANI DRDO developed indigenous howitzer advanced towed artillery gun system test firing balasore firing range in odisha

नई दिल्ली। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने शनिवार को देश में बनी ATAGS (एडवांस टावर आर्टिलरी गन सिस्टम यानि उन्नत तोपखाना प्रणाली) होवित्जर तोप का ओडिशा के बालासोर फायरिंग रेंज में परीक्षण किया। यह तोप 48 किलोमीटर तक लक्ष्य साध सकती है। इस समय सेना को 1800 ऑर्टिलरी गन की जरूरत है। DRDO के मुताबिक, यह तोप इस जरूरत को पूरा कर सकती है। इसके बाद विदेश से तोपें मंगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। 

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, डीआरडीओ के एटीएजीएस प्रोजेक्ट डायरेक्टर शैलेंद्र वी गढ़े ने कहा, यह दुनिया की सबसे अच्छी तोप है। अभी तक कोई दूसरा देश ऐसी तोप विकसित करने में सक्षम नहीं है। डीआरडीओ वैज्ञैनिकों का कहना है कि यह दुनिया की सबसे अच्छी तोप है। इससे भारतीय सेना को और ज्यादा ताकत मिली है। यह तोप भारतीय सेना की 1800 आर्टिलरी गन सिस्टम की जरूरत को पूरा करने में सक्षम है। डीआरडीओ ने कहा  है कि अब इस क्षेत्र में आयात की जरूरत नहीं पड़ेगी। 

उन्होंने बताया कि, इस तोप को तीन साल के भीतर डिजाइन किया गया और परीक्षण के लिए रखा गया। जल्द ही, इसको पीएसक्यूआर परीक्षणों के अधीन किया जाएगा। हम उम्मीद कर रहे हैं कि तोपखाना प्रणाली क्षेत्र में भारत के पास सबसे बड़ी उपलब्धि होगी। ATAGS के फील्ड ट्रायल के दौरान DRDO के साइंटिस्ट और प्रोजेक्ट के डायरेक्टर शैलेंद्र वी गढ़े ने बताया कि यह गन सिस्टम अब तक भारत की सबसे बड़ी ताकत रही बोफोर्स समेत दुनिया की किसी भी तोप से बेहतर है। इसमें काफी तेज माना जाने वाला इजरायल का गन सिस्टम ATHOS भी शामिल है। हम इस तोप का परीक्षण चीन सीमा के पास सिक्किम और पाकिस्तान सीमा के पास पोखरण में कर चुके हैं। वहां इससे 2 हजार से ज्यादा गोले दागे गए थे।

एडवांस टोड ऑर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGS) DRDO ने डेवलप किया गया है। इन्हें दो प्राइवेट कंपनियों भारत फोर्ज और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड ने बनाया है। गढ़े ने बताया कि भारतीय सेना को इस समय 1580 टोड तोपों के अलावा 150 ATAGS और 114 धनुष तोपों की जरूरत है। इस तरह सेना को कुल 1,800 तोपें चाहिए। यह गन सिस्टम जिस तरह परफॉर्म कर रहा है, उससे लगता है कि इसी से इन 1800 तोपों की जरूरत पूरी हो जाएगी। गौरतलब है कि, सरकार स्वदेशी तकनीक के जरिए हथियारों को बनाने पर जोर दे रही है, ताकि देश को रक्षा क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बनाया जा सके। 

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ये एडवांस टावर आर्टिलरी गन 48 किलोमीटर दूर तक बिल्कुल सटीक तरीके से टारगेट हिट करने में सक्षम है। वहीं यह तोप खुद से 25 किलोमीटर प्रति घंटा मूव कर सकती है। यह 52 कैलिबर राउंड्स लेती है। चीन से निपटने में ये तोप काफी कारगर साबित हो सकती है। बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में भारत चीन से लगते बॉर्डर पर अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में इन तोपों को तैनात कर सकता है। 

भविष्य के लिहाज से बनाई गई तोप

इजरायल की ATHOS और फ्रांस की नेक्सटर तोप से ATAGS कितनी बेहतर है, इस पर शैलेंद्र ने कहा यदि आप ATHOS और नेक्सटर गन की क्वालिटी जरूरतों को देखते हैं तो पाएंगे ये बहुत ज्यादा हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में 2027 से 2030 तक का समय देखते हैं तो यह उसी का जवाब है। अब भारत को विदेश से तोपें मंगाने की बिल्कुल जरूरत नहीं है। मुझे लगता है कि भारत ने वर्ल्ड क्लास ऑर्टिलरी सिस्टम बनाने की क्षमता हासिल कर ली है।

भविष्य की जंग स्वदेशी हथियारों से जीतेंगे- सीडीएस रावत

चीन और पाकिस्तान के साथ सीमा पर जारी तनाव के बीच चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने बीते शुक्रवार को बड़ा बयान देते हुए कहा था कि भविष्य में होने वाली जंग को भारत स्वदेशी हथियारों से लड़ेगा और दुश्मनों को हराएगा। डीआरडीओ के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीडीएस रावत ने कहा, हम देख रहे हैं कि रक्षा क्षेत्र को लेकर हमारा निजी उद्योग भी प्रेरित है, उन्हें समर्थन की जरूरत है। मुझे लगता है कि भविष्य में होने वाले युद्ध को हम स्वदेशी हथियारों के माध्यम से जीतेंगे। 

सीडीएस बिपिन रावत ने कहा, वर्तमान समय में हमारा देश उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। देश जिस रफ्तार से आत्मनिर्भरता की तरफ कदम बढ़ा रहा है। ये बेहद जरूरी है कि डीआरडीओ पूरी लगन के साथ काम करता रहे।

(इनपुट- ANI)

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