Thursday, November 21, 2024
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भारत को धोखा दे रहा चीन? गलवान घाटी की ताजा सैटलाइट तस्‍वीरें बयां कर रही हैं ड्रैगन की चाल

एलएसी पर भारतीय सेना पूरी मुस्तैदी से देश की एक-एक इंच ज़मीन की हिफाजत कर रही है और जब तक चीन का आखिरी सैनिक, आखिरी पोस्ट, आखिरी तंबू, आखिरी हथियार बहुत पीछे नहीं चला जाता तब तक भारतीय सेना पीछे नहीं हटेगी।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: June 24, 2020 12:34 IST
Dragon cheating India? China making new bunker in place of skirmish in Galwan Valley- India TV Hindi
Image Source : @DETRESFA_ Dragon cheating India? China making new bunker in place of skirmish in Galwan Valley

नई दिल्ली: एलएसी पर भारतीय सेना पूरी मुस्तैदी से देश की एक-एक इंच ज़मीन की हिफाजत कर रही है और जब तक चीन का आखिरी सैनिक, आखिरी पोस्ट, आखिरी तंबू, आखिरी हथियार बहुत पीछे नहीं चला जाता तब तक भारतीय सेना पीछे नहीं हटेगी। खबर तो यहां तक है कि नये गोला-बारूद का ऑर्डर दे दिया गया है। चीन को समझ लेना चाहिए कि अगर उसने अपने बंकर खुद नहीं हटाए तो भारतीय सेना उसे उड़ाएगी।

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गलवान में हुई हिंसक झड़प के बाद भारत और चीन के सैन्‍य अधिकारियों के बीच कई दौर बातचीत हुई और अब दोनों देश सेना हटाने पर सहमत हो गए हैं। बता दें कि चीन की फितरत है कि जब कोई नहीं देख रहा तो दो कदम आगे बढ़ जाओ और जब टोका जाए तो एक कदम पीछे खींच लो लेकिन भारतीय सेना चाहती है कि अगर चीन ने दो कदम बढ़ाए हैं तो तो वह दो कदम ही पीछे हटे।

वहीं अब गलवान घाटी की सैटलाइट से मिली ताजा तस्‍वीरों से संदेह उठने लगा है कि चीन, भारत को धोखा दे रहा है। इस तस्‍वीर में साफ नजर आ रहा है कि चीन गलवान में झड़प की जगह के पास ही बचाव के लिए बंकर बना रहा है। इस जगह पर चीन ने छोटी-छोटी दीवारें और खाई बनाई हैं। बता दें कि गलवान घाटी की ताजा सैटलाइट तस्वीरें ओपन सोर्स इंटेलिजेंस अनैलिस्ट Detresfa ने जारी की हैं।

ताजा तस्‍वीरों से अब चीन की मंशा को लेकर कई सवाल उठने लगे हैं। माना जा रहा है कि चीन बातचीत की आड़ में अपनी सैन्‍य स्थिति को मजबूत कर रहा है। वहीं 134 किलोमीटर लंबे पैंगोंग लेक का पानी बर्फ से भी ठंडा है लेकिन यहां स्ट्रैटेजिक गर्मी बहुत है। इसी पैंगोंग लेक के पास चाइनीज़ आर्मी का सबसे बड़ा और नया बिल्ड अप देखा जा रहा है। Detresfa के मुताबिक चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी पैन्गॉन्ग सो झील इलाके में अभी भी डेरा जमा रखा है। 

पैंगोंग लेक का उत्तरी हिस्सा चीन के कब्जे में है और दक्षिणी हिस्सा हिंदुस्तान के कब्जे में। यहां एलएसी जिस जगह से गुजरती है वह फिंगर एरिया है। उसी फिंगर एरिया में चीन और भारत की सेना आमने-सामने खड़ी है। मई में करीब 5000 चीनी सैनिक उस इलाके में घुस आए हैं जहां इंडियन आर्मी पैट्रोलिंग करती थी। चीन ने बंकर बना लिए हैं, पिलबॉक्स खड़े कर लिए हैं और रिजलाइन यानी पहाड़ी चोटियों पर तोपखाना लगा लिया है।

इस तनाव में मंगलवार को कुछ कमी आती दिख रही है। दोनों देशों के जनरल स्तर पर बातचीत के दौरान चीन पूर्वी लद्दाख के तनाव वाले इलाके से अपने सैनिकों को हटाने पर सहमत हो गया है। बातचीत के दौरान भारत की ओर से साफ कह दिया गया है कि एलएसी में जैसी स्थिति 5 मई के पहले थी वैसे ही होनी चाहिए।

गौरतलब है कि चीन ने 1960 के बॉर्डर टॉक में भी गलवान घाटी पर दावा किया था। भारत को नक्शा दिखाया था लेकिन गलवान के वाई-नाला पर चीन ने तब खुद दावा भी नहीं किया था। हक़ीक़त ये है कि गलवान पैट्रोलिंग प्वाइंट 14 की जगह चीनी नक्शे में भी कभी चीन का हिस्सा नहीं रहा।

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