हैदराबाद। डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज लिमिटेड ने सोमवार को 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) की व्यावसायिक शुरुआत की घोषणा की। शहर के दवा निर्माता द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, डॉ रेड्डीज इस दवा की आपूर्ति भारत भर में बड़े सरकारी एवं निजी अस्पतालों को करेगा। शुरुआती हफ्तों में, कंपनी मेट्रो एवं टियर 1 शहरों के अस्पतालों में दवा उपलब्ध कराएगी और बाद में इसे पूरे देश में उपलब्ध कराएगी।
डॉ रेड्डीज द्वारा निर्मित 2डीजी की शुद्धता 99.5 प्रतिशत है और ब्रांड 2डीजी के नाम से व्यावसायिक तौर पर इसकी बिक्री हो रही है। कंपनी ने कहा कि प्रत्येक पाउच का अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) 990 रुपये तय किया गया है जो सरकारी संस्थानों को रियायती दरों पर उपलब्ध कराया जाएगा। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की प्रयोगशाला नामिकीय औषिध तथा संबद्ध विज्ञान संस्थान (इनमास) ने डॉ रेड्डीज के साथ मिलकर इस खाने वाली दवा 2-डीजी को विकसित किया है।
डीआरडीओ के रक्षा विभाग के सचिव एवं चेयरमेन डॉक्टर जी सतीश रेड्डी ने कहा, “हमें कोविड-19 के मरीजों के इलाज में चिकित्सीय अनुप्रयोग के रूप में 2-डीजी की जांच के लिए लंबे समय से उद्योग जगत के हमारे साझेदार डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज के साथ काम कर प्रसन्नता है। डीआरडीओ अपनी स्वतंत्र प्रौद्योगिकियों के साथ कोविड-19 वैश्विक महामारी के खिलाफ जंग में योगदान दे रहा है।”
यह दवा केवल अस्पताल में भर्ती, कोविड-19 से मध्यम से गंभीर रूप से ग्रस्त मरीजों को देखभाल के मौजूदा मानक के लिए एक सहायक चिकित्सा के रूप में योग्य फिजिशियन की निगरानी में और पर्चा लिखे जाने के बाद ही दी जा सकती है। दवा के कोविड-19 रोधी चिकित्सीय अनुप्रयोग के लिए आपात इस्तेमाल की मंजूरी एक मई, 2021 को दी गई थी।
डॉ रेड्डीज के चेयरमेन, सतीश रेड्डी ने कहा, “हमारे कोविड-19 पोर्टफोलियो में 2-डीजी एक और वृद्धि है जिसमें पहले से कम से लेकर मध्यम और गंभीर स्थितियों का पूरा दायरा और एक टीका भी शामिल है। हमें कोविड-19 वैश्विक महामारी के खिलाफ सामूहिक जंग में डीआरडीओ साथ साझेदारी करने की खुशी है।”