नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को नौकरशाहों को सलाह दी कि रोबोट की तरह नहीं जिएं और अपने परिवारों के साथ अच्छा वक्त बिताएं।
उन्होंने कहा, ‘समय प्रबंधन में आप बहुत अच्छे हैं लेकिन क्या आप अपने परिवार के साथ अच्छा वक्त बिताते हैं। कृपया इस बारे में सोचिए।’ मोदी ने नौकरशाहों से कहा कि सोचिए कि कहीं आपकी जिंदगी ‘मशीन की तरह’ तो नहीं हो गई है। प्रधानमंत्री ने विज्ञान भवन में नौवें सिविल सर्विसेज दिवस समारोह पर कहा, ‘अगर ऐसा हुआ है तो इसका प्रभाव पूरी सरकार और प्रणाली पर होता है। हम मशीन नहीं हो सकते। हमारी जिंदगी ऐसी नहीं हो सकती।’ अधिकारियों से बात करते हुए मोदी ने कहा कि उनमें से किसी को भी मुरझाया हुआ नहीं होना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘ऐसा नहीं है कि आपकी जिंदगी फाइल की तरह हो जानी चाहिए। अगर सरकार है तो फाइल होगी ही, इसका कोई विकल्प नहीं है। यह आपकी ‘दूसरी अर्धांग’ है। अगर आप जिंदगी के बारे में नहीं सोचते यह फाइलों में अटक जाएगी।’ मोदी ने कहा कि उन्हें ऐसे नौकरशाह चाहिए जो ऊर्जा से भरपूर हों।
उन्होंने कहा, ‘मैं कभी भी मसूरी (लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी जहां अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाता है) नहीं गया। लेकिन क्या वहां ऐसा होता है कि लोगों को काफी गंभीर बनना पड़ता है, पूरी दुनिया का बोझ उठाना पड़ता है ?’ मोदी ने गंभीर दिख रहे अधिकारियों से कहा, ‘आप ऐसे क्यों बैठे हैं ? मैं आपसे कोई नया काम करने के लिए नहीं कह रहा हूं।’ उनकी इस बात से वहां हंसी फूट पड़ी।
मोदी ने कहा, ‘आप बहुत पढ़ते हैं। आपने दुनिया में बेहतरीन लोगों द्वारा लिखी गई पुस्तकें पढ़ी होंगी। आपका स्वभाव ही ऐसा है और इसलिए आप यहां हैं। जो लोग कॉलेज में ‘यूनियन बाजी’ करते हैं वे यहां नहीं पहुंचते। जो लोग किताबों में खो जाते हैं वे यहां आते हैं।’ प्रधानमंत्री की इस बात से वहां काफी देर तक तालियां बजीं। उन्होंने कहा कि सरकार का काम केवल विभागों को चलाना नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमें विभागों के अंदर भी अन्वेषी, आधुनिक बनना होगा।’ मोदी ने नौकरशाहों से कहा कि ‘शीलम् परम् भूषणम्’ के सिद्धांत का पालन करें जो मसूरी के प्रशिक्षण संस्थान का उद्देश्य है।
नौकरशाही में सुधारों पर जोर देते हुए मोदी ने कहा कि सुधारों और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने की जरूरत है क्योंकि वह दिन दूर नहीं है जब दुनिया एम.गर्वनेंस या मोबाइल गर्वनेंस पर गौर करेगी। सरदार वल्लभभाई पटेल को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के पहले गृह मंत्री के योगदान को याद करना स्वाभाविक है जिन्होंने देश के एकीकरण के लिए काम किया।
उन्होंने कहा, ‘आज, सामाजिक.आर्थिक एकीकरण की आवश्यकता है। हम ऐसे माडल के बारे में सोचते हैं जो एकीकरण को महत्व देता हो, जो लोगों को एक दूसरे के करीब लाता हो।’ मोदी ने सिविल सेवा के अधिकारियों से जीवन के महत्व पर गौर करने को भी कहा, अन्यथा यह किसी फाइल का उबाऊ पन्ना हो जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘तनाव से भरा जीवन कुछ हासिल नहीं कर सकता, खासकर जब आपको देश को चलाना है..। आप समय प्रबंधन में बहुत अच्छे हैं लेकिन क्या आप अपने परिवार के साथ गुणवत्तापूर्ण समय बिताते हैं? कृपया इस बारे में सोचिए।’ मोदी ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किए गए अधिकारियों को बधाई दी और कहा कि पुरस्कृत लोगों द्वारा किए गए अच्छे कार्यों को दोहराने या उनसे काफी कुछ सीखने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, ‘हमारा काम सिर्फ विभागों को ही नहीं चलाना है। हमें नवोन्मेषी होना होगा..। हमें परिपूर्णता और क्षमता निर्माण को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है।’