नई दिल्ली। आपने आजतक गाय, भैंस, बकरी और ऊंट के दूध का उपयोग और इसके बारे में सुना होगा लेकिन देश में पहली बार कुछ ऐसा होने जा रहा है जो आपको हैरानी में डाल देगा। दरअसल, आपने आजतक गाय या भैंस की डेयरी देखी होगी लेकिन अब आप बहुत ही जल्द गधी के दूध की भी डेयरी देख सकेंगे।
देश में राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र (NRCE) हिसार में गधी के दूध की डेयरी शुरू होने जा रही है। एनआसरीई हिसार में हलारी नस्ल की गधी के दूध की डेयरी शुरू होने जा रही है, जिसके लिए एनारसीई ने 10 हलारी नस्ल की गधियों को पहले ही मंगा लिया था। फिलहाल इनकी ब्रीडिंग की जा रही है। डेयरी शुरू करने के लिए NRCE हिसार के केंद्रीय भैंस अनुसंधान केंद्र और करनाल के नेशनल डेयरी रीसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों की भी मदद ली जा रही है।
जानिए गधी के दूध से होते हैं कितने फायदे
इस प्रोजेक्ट पर काम रहीं एनआरसीई की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर अनुराधा भारद्वाज का कहना है कि कई बार छोटे बच्चों को गाय या भैंस के दूध से एलर्जी हो जाती है मगर हलारी नस्ल की गधी के दूध से कभी एलर्जी नहीं होती। गधी के दूध में ऐंटीऑक्सिडेंट, एनटीएजिंग तत्व पाए जाते हैं, जबकि दूध में फैट नाममात्र होता है। इसके दूध में एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी एजीन तत्व पाए जाते हैं जो शरीर में कई गंभीर बीमारियों से लड़ने की क्षमता विकसित करते हैं। हलारी नस्ल की गधी के दूध पर शोध का काम एनआरसीई के पूर्व डॉयरेक्टर डॉक्टर बीएन त्रिपाठी ने काम शुरू कराया था। एनआरसीई के निदेशक डॉक्टर यशपाल ने बताया कि इस दूध में नाममात्र का फैट होता है। गधी का दूध शरीर का इम्यून सिस्टम ठीक करने में भी काफी अहम भूमिका निभाता है।
2 से 7 हजार रुपए प्रति लीटर है दूध की कीमत
ब्रीडिंग के बाद हाई डेयरी का काम जल्द शुरू हो जाएगा। बाजार में हलारी नस्ल की गधी का दूध 2 हजार से लेकर 7 हजार रुपए प्रति लीटर तक में बिकता है।
यहां भी होता है हलारी नस्ल की गधी के दूध का इस्तेमाल
बता दें कि, गधी का दूध इंसानों के लिए न सिर्फ बेहद फायदेमंद होता है बल्कि शरीर का इम्यून सिस्टम ठीक करने में काफी अहम भूमिका निभाता है। हलारी नस्ल की गधी गुजरात में पाई जाती है, जिसके दूध को दवाइयों का खजाना माना जाता है। इससे ब्यूटी प्रॉडक्ट्स भी बनाए जाते हैं जो काफी महंगे होते हैं, गधी के दूध से साबुन, लिप बाम, बॉडी लोशन तैयार किए जा रहे हैं। हलारी नस्ल की गधी में कैंसर, मोटापा, ऐलर्जी जैसे बीमारियों से लड़ने की क्षमता होती है।