नई दिल्ली। दिल्ली के सरकारी लोकनायक जयप्रकाश नारायण (एलएनजेपी) अस्पताल में मरीज के तिमारदारों द्वारा एक डॉक्टर पर कथित रूप से हमले की घटना से नाराज बाकी डॉक्टर सोमवार को पर्याप्त सुरक्षा की मांग को लेकर हड़ताल चले गए। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. किशोर सिंह ने कहा कि नियमित और आपात दोनों सेवाओं में रेजीडेंट डॉक्टर्स काम नहीं कर रहे हैं जिससे दिल्ली सरकार के इस सबसे बड़े अस्पताल के मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
एलएनजेपी अस्पताल की रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने दावा किया कि मौलाना आज़ाद मेडिकल कॉलेज के पोस्टग्रेजुएशन के तीसरे साल में अध्ययनरत और आपात विभाग में डयूटी कर रहे एक छात्र पर कल रात करीब 11 बजे कथित हमला होने के बाद हड़ताल की गई है।
आरडीए के अध्यक्ष साकेत जेना ने आरोप लगाया, ‘‘आपात विभाग में एक मरीज लाया गया था, जिसकी बाद में कुछ जटिलताओं के चलते मौत हो गई। उसके एक तीमारदार ने वहां मौजूद डॉक्टरों में से एक पर हमला कर दिया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पिछले कुछ दिनों में अस्पताल परिसर में डॉक्टरों पर हमले की कई घटनाएं हुई हैं इसलिए हम हड़ताल पर हैं।’’
सिंह ने कहा कि उनकी प्रमुख मांग आपातकालीन विभाग में मार्शल्स (सुरक्षाकर्मी) तैनात करने सहित सुरक्षा बढ़ाने की है। एम्स और सफदरजंग अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों ने एलएनजेपी अस्पताल के हड़ताली डॉक्टरों के प्रति एकजुटता प्रकट की है। एम्स रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और स्वास्थ्य मंत्री को मामले में हस्तक्षेप करने और डॉक्टरों की सुरक्षा चिंताओं के समाधान का अनुरोध किया है ताकि वे मरीजों की देखभाल कर सकें।
इस बीच आरडीए प्रतिनिधियों और अस्पताल प्रशासन ने दिल्ली के स्वास्थ्य सचिव संजीव खैरवार से दोपहर में मुलाकात की। जेना ने कहा कि सुरक्षाकर्मी तैनात करने के अलावा उनकी प्रमुख मांग नियमित वार्डो में सीसीटीवी कैमरे लगाने की भी है। गौरतलब है कि कोलकाता के एनआरएस अस्पताल में एक मरीज की मौत के बाद उसके रिश्तेदारों के दो कनिष्ठ डॉक्टरों पर हमला करने की घटना के कुछ दिनों बाद यह घटना हुई है। इस घटना के बाद पश्चिम बंगाल के कनिष्ठ डॉक्टर कामकाज की जगह पर सुरक्षा की कमी को लेकर हड़ताल पर चले गए थे।