नई दिल्ली: बड़ी संख्या में बिजली वितरण कंपनियां (डिस्कॉम) एनटीपीसी की ओर से आपूर्ति की जा रही सस्ती बिजली का लाभ उठा रही हैं। उद्योग से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी। एनटीपीसी इसके लिए विकसित व्यवस्था सिक्योरिटी कंस्ट्रेंड इकोनॉमिक डिस्पैच (एससीईडी) के तहत सस्ती बिजली की आपूर्ति कर रही है। इस कार्यक्रम तहत, बिजली वितरण कंपनियां अधिक दक्ष संयंत्रों और कोयला खदानों के पास स्थित संयंत्रों की क्षमता को बढ़ाने में लगी हैं। इससे कोयला ढुलाई की लागत कम आती है। इसकी वजह से बिजली उत्पादन की लागत घटी है, जिससे बिजली वितरण कंपनियों और ग्राहकों दोनों को फायदा हो रहा है।
एक सूत्र ने कहा, "सस्ती बिजली आपूर्ति के लिए बड़ी संख्या में बिजली वितरण कंपनियां इस प्रणाली का लाभ उठा रही हैं।" सूत्र ने कहा, "इस कार्यक्रम से नकदी संकट से जूझ रहीं बिजली वितरण कंपनियों की बिजली खरीद लागत कम होना शुरू हो गई है।" अनुमान के मुताबिक, इस तंत्र से वितरण कंपनियों को रोजाना 2.5 करोड़ रुपये की बचत होने की उम्मीद है। यह तंत्र राज्यों को सस्ती बिजली देता है। फिलहाल, 49 ताप विद्युत संयंत्र एससीईडी की पायलट परियोजना का हिस्सा है।
इनकी स्थापित क्षमता 56,000 मेगावाट है। यदि स्वतंत्र बिजली उत्पादकों के सभी कोल स्टेशन और राज्यों की बिजली उत्पादन कंपनियां इस योजना के दायरे में आ जाती है तो सालाना 3,000 करोड़ रुपये की बचत होने की संभावना है। यह तंत्र राष्ट्रीय स्तर पर चुनिंदा बिजली स्टेशनों से बिजली की आपूर्ति करता है। जब कोई राज्य केंद्रीय पूल से बिजली की मांग करता है तो यह उसे पहले सस्ती दरों पर बिजली की आपूर्ति करता है।